दुर्ग। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) के 30 वर्ष पूर्ण होने का जश्न मनाने के लिए ऐपवा भिलाई ने 12 फरवरी को भैरव बस्ती, शारदापारा भिलाई में एक बैठक आयोजित की। बैठक में महिला आंदोलन के अग्रदूत जिन्होंने अपने जीवन को समाज के लिए समर्पित किया, उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। बैठक की शुरुआत ऐपवा राष्ट्रीय परिषद के पत्र के पाठ से की गई।
बैठक में महिलाओं ने मंहगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याओं को उठाया, और इनके लिए लड़ने की ठानी। उन्होंने भाजपा-मोदी की विध्वंसकारी, महिला विरोधी और फासीवादी सरकार को निष्ठुरता से आलोचित किया, और इसके खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया। उन्होंने सावित्रीबाई फुले, फातिमा शेख, मिनीमाता जैसी महिला नायकों की विरासत को याद करते हुए, उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का वादा किया।
बैठक में महिलाओं ने भाजपा सरकार से अपनी कुछ मांगें रखीं, जैसे कि विवाहित महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह का भत्ता देना, हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगलों की कटाई रोकना और आदिवासियों के अधिकारों को सुरक्षित करना, और भैरव बस्ती में घर-घर में शुद्ध पेयजल पहुंचाना।
बैठक में ऐपवा की मीना कोशले, लोकेश्वरी कोसरे, चंद्रिका मिरी, सुनिता महिंलाग, तजनीन बाई टंडन, मंजू कुर्रे, राम बाई मरकाम, सावित्री महिंलाग, नीरा डहारिया, दुकाला साहू, गौरी देशलहरा, सुनेती कुर्रे, भूमिका सारथी, प्रवीण कौशिक, ऐक्टू के अशोक मिरी, भाकपा माले के बृजेन्द्र तिवारी सहित कई लोगों ने भाग लिया।
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