कोरबा (पब्लिक फोरम)। दशकों पुरानी जमीन कोयला खनन के लिए देने के बाद भी रोजगार न मिलने से परेशान सरायपाली बुड़बुड़ खदान के किसान 28 जून को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर का घेराव करने वाले हैं। इन किसानों का आरोप है कि उन्हें पहले मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति 1991 के तहत रोजगार का वादा किया गया था, लेकिन बाद में नीति बदलकर कोल इंडिया पॉलिसी 2012 लागू कर दी गई।
किसानों की मांगें
मध्य प्रदेश पुनर्वास नीति 1991 के तहत रोजगार।
रोजगार सत्यापन के बाद भी भटक रहे किसानों को नौकरी।
एसईसीएल मुख्यालय का घेराव
आंदोलन की तैयारी
28 जून को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर का घेराव।
पूरे परिवार के साथ आंदोलन।
रोजगार के लिए आर-पार की लड़ाई।
ग्रामीणों का कहना
“हमें धोखा दिया गया है। पहले एक नीति का वादा किया गया, बाद में बदल दी गई।”
“कई सालों से रोजगार के लिए भटक रहे हैं, अब और नहीं सहेंगे।”
“पूरे परिवार के साथ एसईसीएल मुख्यालय का घेराव करेंगे।”
यह मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि:
यह किसानों के हक़ की लड़ाई है।
यह सरकार और बड़ी कंपनियों द्वारा किए गए वादों के उल्लंघन को उजागर करता है।
यह देश में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डालता है।
यह आंदोलन आने वाले दिनों में क्या रुख़ अख्तियार करता है, यह देखना बाकी है।
सरायपाली परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानों का आंदोलन: रोजगार के लिए एसईसीएल मुख्यालय का घेराव
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