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सोमवार, जुलाई 7, 2025
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श्रमिक दिवस पर बालको में एल्युमिनियम एम्पलाईज यूनियन एटक की ओर से निकाली गई रैली

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालकोनगर स्थित एल्युमिनियम एम्पलाइज यूनियन (एटक) द्वारा 01 मई को विशाल रैली निकालकर अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया गया। यह रैली परसाभांठा आजाद चौक से शुरू होकर एटक यूनियन के कार्यालय तक पहुंची। इस दौरान श्रमिकों ने “इंकलाब ज़िंदाबाद, मज़दूर एकता ज़िंदाबाद, अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस अमर रहे, शिकागो के शहीदों को लाल सलाम, विश्व के श्रमिकों एक हो, पूंजीवाद मुर्दाबाद, फासीवाद मुर्दाबाद” जैसे उग्र नारों से वातावरण गुंजायमान कर दिया। 
इस अवसर पर एटक के महासचिव सुनील सिंह ने सभी साथियों को श्रमिक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हर साल 01 मई को श्रमिक दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे एक विशाल इतिहास है। पहले श्रमिकों को कारखानों में 12 से लेकर 18 या 24 घंटे तक काम करना पड़ता था। अमेरिका के शिकागो शहर में श्रमिकों ने इस बर्बर व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई और 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम तथा 8 घंटे परिवार के लिए समय की मांग की। यहीं से श्रमिकों और कारखाना मालिकों के बीच संघर्ष शुरू हुआ। इस लड़ाई में कई श्रमिक नेताओं व कर्मचारियों को शहीद होना पड़ा। लेकिन लंबे संघर्ष के बाद श्रमिकों को सफलता मिली और प्रत्येक कारखाने में 8 घंटे काम करने का नियम लागू हुआ।

छत्तीसगढ़ एटक के प्रदेश महासचिव कामरेड हरिनाथ सिंह ने कहा कि आज श्रमिकों को जो सुविधाएं मिल रही हैं, उनके लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा है। तभी श्रमिकों को छुट्टी, बोनस, ओवरटाइम भत्ता, सामाजिक सुरक्षा जैसे अधिकार प्राप्त हुए हैं। श्रमिक दिवस श्रमिकों का एक महत्वपूर्ण त्योहार भी है। अमेरिका के शिकागो शहर में श्रमिकों ने काम के 8 घंटे की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ा था। इसके बाद लंबा संघर्ष चला जिसमें कारखाना मालिकों ने श्रमिक नेताओं और कर्मचारियों पर गोलीबारी भी की। अंत में यह तय हुआ कि श्रमिकों को कारखानों में केवल 8 घंटे ही काम करना होगा।

आज केंद्र में जो सरकार है, वह श्रमिक वर्ग और किसान वर्ग के अधिकारों को छीनना चाहती है। संसद में बहुमत का लाभ उठाकर ऐसी नीतियां बनाई जा रही हैं जो लोगों की आर्थिक भलाई और अधिकारों की कीमत पर कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाती हैं। श्रमिकों के कानूनी अधिकार छीनने के लिए चार श्रम विरोधी कानून संसद में पारित कर दिए गए हैं। बेरोजगारी और महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में आज हमें यह तय करना होगा कि 2024 में केंद्र में किस प्रकार की सरकार बनाई जानी चाहिए। अगर मौजूदा सरकार दोबारा सत्ता में आई तो सबसे ज्यादा श्रमिकों और किसानों पर ही हमला होगा। अंत में उन्होंने कहा कि केंद्र में लोकतांत्रिक एवं जनहित की सरकार बनाई जानी चाहिए जो श्रमिकों और किसानों के हितों की रक्षा करे। 

इस अवसर पर राज्य एटक के सचिव कामरेड एम रज़क, एटक के अध्यक्ष एस के सिंह, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, संतोष बरेठ, पवन वर्मा, सहायक महासचिव धर्मेंद्र सिंह, नरसिम्हा राव, अनूप कुमार, घनश्याम पटेल, अविनाश सिंह, फुलेंद्र पासवान, मोहम्मद शोएब, विजयलक्ष्मी चौहान, रंभा बाई, बुधवारीन सारथी, इंद्राणी, मुकेश यादव, सुग्रीव यति, तवरेज अहमद, आलेख मलिक, राकेश बर्मन सहित सैकड़ों अन्य साथी उपस्थित थे।

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