पिता की बरसी में गए श्रमिक को काम से निकाला प्रबंधन ने
कोरबा (पब्लिक फोरम)। बालको प्रबंधन की तानाशाही का शिकार फिर एक मजदूर ने आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि बालको में कार्यरत ठेका श्रमिक भूरेंद्र कुमार मधुकर को प्रबंधन ने काम से बाहर निकाल दिया था। जिसके कारण भूरेंद्र कुमार मधुकर तनाव में चल रहा था। और आज उसने आज आत्महत्या कर ली।

युवक की मौत से बालको के श्रमिकों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने बालको के अधिकारियों के ऊपर हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग की है। बालको प्रबंधन के श्रमिक विरोधी रवैया से सभी वाकिफ हैं। बालको ना तो प्रशासन की सुनता है और ना ही श्रम विभाग की बात मानता है।

प्रतीत होता है कि बालको को शासन प्रशासन की तरफ से खुली छूट मिली है। प्रबंधन की श्रमिक प्रताड़ना की कार्यवाही दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिसका खामियाजा प्रताड़ित श्रमिक अपनी जान देकर की कीमत चुकाता है। अब जबकि एक श्रमिक की मौत बालको प्रबंधन की प्रताड़ना से हुई है तब बालको के वेदांता प्रबंधन पर शासन-प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करता है। यह तो यह देखने वाली बात होगी ।
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