क्षतिग्रस्त सीमा दीवार बनी खतरे की दीवार
कोरबा (पब्लिक फोरम)। शहर के सोनालिया रेलवे क्रॉसिंग से कोरबा रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाले मार्ग पर नहर किनारे बनी सीमा दीवार (बाउंड्री वॉल) पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जिससे सड़क पर चलने वाले नागरिकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। दीवार के टूटकर गिर जाने से सड़क और नहर के बीच कोई अवरोध नहीं रह गया है, जो किसी भी समय एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। इस गंभीर समस्या को लेकर एक जागरूक नागरिक ने जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है और तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
यह मार्ग शहर के व्यस्ततम हिस्सों में से एक है, जहाँ से रोजाना हजारों की संख्या में दोपहिया वाहन चालक, पैदल यात्री और अन्य नागरिक गुजरते हैं। सीमा दीवार के न होने से वाहन चालकों के असंतुलित होकर या किसी भी कारणवश सीधे नहर में गिरने का खतरा कई गुना बढ़ गया है। विशेषकर रात के समय और बरसात के मौसम में यह स्थिति और भी भयावह हो जाती है, जब दृश्यता कम होने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।


इस सामाजिक रूप से गंभीर मुद्दे पर चिंता व्यक्त करते हुए अधिवक्ता पी. योगेश कुमार ने कोरबा कलेक्टर को एक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि “दीवार के गिर जाने से नहर और सड़क के बीच की सुरक्षा दूरी समाप्त हो गई है, जिससे आम नागरिकों, दोपहिया चालकों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।”
उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए और संबंधित विभाग को सीमा दीवार के शीघ्र पुनर्निर्माण और मजबूतीकरण के लिए आवश्यक निर्देश दिए जाएं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को होने से पहले रोका जा सके।
सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि
यह ध्यान देने योग्य है कि कोरबा जिले में नहर से संबंधित दुर्घटनाएं पहले भी चिंता का विषय रही हैं। ऐसे में, सोनालिया क्रॉसिंग के पास इस तरह की लापरवाही एक बड़े खतरे का संकेत है। एक ओर जहाँ जिले में सड़कों के विकास और विस्तार के दावे किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी ऐसी बुनियादी खामियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। क्षेत्र के नागरिकों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन इस गंभीर स्थिति का तुरंत संज्ञान लेगा और दीवार का पुनर्निर्माण करवाकर सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
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