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कोरबा में नशे की जड़ पर बड़ा प्रहार: करोड़ों के मादक पदार्थ बालको की भट्ठी में राख, सुरक्षित भविष्य की ओर एक कदम

कोरबा (पब्लिक फोरम)। नशे के अवैध कारोबार पर करारा प्रहार करते हुए, कोरबा जिला प्रशासन ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। छत्तीसगढ़ शासन के सख्त निर्देशों का पालन करते हुए, जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट के तहत जब्त किए गए भारी मात्रा में मादक पदार्थों को गत 8 मई को विधिवत नष्ट कर दिया गया।

यह कार्रवाई जिले को नशा मुक्त बनाने और युवा पीढ़ी को इस दलदल से बचाने की दिशा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।
अत्यंत गोपनीय एवं सुरक्षित ढंग से संपन्न हुई यह नष्टीकरण प्रक्रिया जिला स्तरीय ड्रग डिस्पोजल समिति की कड़ी निगरानी में पूरी की गई। समिति की अध्यक्षता स्वयं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने की, जबकि सदस्य के रूप में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतिश ठाकुर, जिला आबकारी अधिकारी आशा सिंह और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी उपस्थित रहे। इन वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी यह सुनिश्चित करती है कि यह कार्रवाई पूर्ण पारदर्शिता और कानूनी प्रोटोकॉल के तहत हुई है।

नष्ट किए गए मादक पदार्थों की मात्रा चौंकाने वाली है, जो जिले में नशे के पैर पसारने की गंभीर समस्या को उजागर करती है। कार्रवाई के दौरान कुसमुण्डा, दर्री, कोतवाली और बांकीमोंगरा जैसे चार थाना क्षेत्रों से जब्त किया गया कुल 13.424 किलोग्राम गांजा, 692 नग टेबलेट्स, 1032 नग कैप्सूल और 75 नग गांजे के पौधों सहित अन्य संबंधित मादक सामग्री को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया। विशेषज्ञों की देखरेख में, इन घातक पदार्थों को बालको संयंत्र के पावर प्लांट की विशेष भट्ठी में उच्च तापमान पर जलाकर और कुछ सामग्री को रोलर से कुचलकर निष्प्रभावी किया गया, ताकि ये दुबारा कभी किसी के हाथ न लग सकें।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नष्ट किए गए इन मादक पदार्थों से जुड़े कई मामले वर्तमान में माननीय न्यायालयों में विचाराधीन हैं, जिसका अर्थ है कि इन मामलों में कानूनी प्रक्रिया अभी जारी है। वहीं, कुछ मामलों में आरोपियों को पहले ही दोषसिद्ध ठहराया जा चुका है या उन्हें दोषमुक्त किया गया है। यह दर्शाता है कि यह नष्टीकरण प्रक्रिया एक लंबी और जटिल कानूनी लड़ाई का अंतिम चरण है, जिसमें कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मेहनत और समर्पण शामिल है।

नशे के खिलाफ जारी इस युद्ध में मादक पदार्थों का नष्टीकरण एक बड़ा मील का पत्थर है। यह न केवल उन तस्करों और विक्रेताओं के लिए एक कड़ा संदेश है जो समाज में जहर घोल रहे हैं, बल्कि यह आम जनता को भी आश्वस्त करता है कि प्रशासन इस बुराई से लड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित है। करोड़ों रुपये के नशे की सामग्री का राख होना, उन अनगिनत जिंदगियों को बचाने की उम्मीद जगाता है जो इसके चंगुल में फंस सकती थीं। कोरबा पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की यह कार्रवाई नशा मुक्त, स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है। यह दिखाता है कि जब प्रशासन और कानून एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो समाज को प्रभावित करने वाली बड़ी समस्याओं से भी निपटा जा सकता है।

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