आदिनिवासी गण परिषद ने वन मंडल कोरबा को लिखा पत्र
कलेक्टर जन-चौपाल में शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कोई भी कार्रवाई
कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला कोरबा वन मंडल के वन परिक्षेत्र बालको के अंतर्गत चूईया विट में ग्राम पंचायत सोनमुड़ा सहित आस-पास के 6 गांव के करीब 200 ग्रामीण श्रमिकों के द्वारा सोखता गड्ढा/चेक डैम का कार्य वर्ष 2021 के माह नवंबर से लेकर वर्ष 2022 के माह मार्च तक कुल 5 महीनों तक वन विभाग के द्वारा कार्य करवाया गया है।
लेकिन वनांचल गांव के उन ग्रामीण श्रमिकों की श्रम राशि का भुगतान आज दिनांक तक संबंधित विभाग के द्वारा नहीं किया गया है जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बताया है कि विगत माह कलेक्टर जन-चौपाल कार्यक्रम में भी इस बात को लेकर शिकायत की गई थी लेकिन आज तक उनकी मजदूरी भुगतान के संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। विगत छः महीनों से अपनी मजदूरी के लिए चक्कर काटते परेशान वनांचल ग्राम के प्रभावित आदिवासी महिला श्रमिकों ने रोष व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की कल्याणकारी योजना “सरकार तुंहर द्वार” से जिले की जनता खुशहाल है। ऐसा ढिंढोरा पीटा जा रहा है लेकिन जन चौपाल में गुहार लगाने के बाद भी हमारी आर्थिक तंगी, बदहाली को कोई देखने वाला नहीं है।
वहीं आक्रोशित ग्रामीणों को धीरज बंधाते हुए आदिनिवासी गण परिषद ने वन मंडल कोरबा को पत्र लिखकर उनकी 05 महीने की मजदूरी का भुगतान तत्काल करने की मांग की है।
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