रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ शासन के उच्च शिक्षा विभाग रायपुर के द्वारा निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 संक्रमण के दूसरे व तीसरे लहर के परिणाम स्वरूप शिक्षा सत्र 2021-22 का अध्यापन कार्य विलंब से प्रारंभ होने के कारण पाठ्यक्रम विलंब से पूर्ण हुए और परीक्षाएं विलंब से ही आयोजित करना प्रस्तावित है। ऐसे में व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है और जरा सी चूक के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
परीक्षाओं के आयोजन के संबंध में विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों व अनुशंसा के आधार पर वर्ष 2021-22 की शेष परीक्षा ऑनलाइन (ब्लेंडेड मोड में) आयोजित करने का निर्देश जारी किया गया है। 28 मार्च को छग शासन उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव डॉ. समरेन्द्र सिंह के द्वारा जारी इस आदेश ने कॉलेज विद्यार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है। दूसरी ओर सोशल मीडिया में 29 मार्च 2022 दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री एवं सदस्यों की उपस्थिति में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए महाविद्यालयीन परीक्षा ऑफलाइन मोड में आयोजित करने संबंधी आदेश पत्र तैर रहा है। जिसमें छग शासन, ज्यादा उच्च शिक्षा विभाग, उप सचिव खेमराज साहू का हस्ताक्षर दर्शाकर फर्जी व कूटरचित कार्य किया गया है।
छत्तीसगढ़ स्टेट फेक न्यूज कंट्रोल एंड स्पेशल मॉनिटरिंग सेल ने इस तरह के पत्र को फर्जी करार दिया है। महाविद्यालय के परीक्षार्थियों को ऐसे किसी भी आदेश पर ध्यान देने की बजाय अपनी तैयारी करनी चाहिए और शासन द्वारा ऑनलाइन मोड में ली जाने वाली परीक्षा के संबंध में किसी तरह का भ्रम फिलहाल नहीं रखना चाहिए।
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