कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। बालको नगर कोरबा में एक पुराने और पारंपरिक सार्वजनिक मार्ग को अचानक बंद किए जाने के बाद स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया है। लगभग पचास वर्षों से इंदिरा मार्केट से बालको मुख्य मार्ग की ओर जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले इस रास्ते को BALCO प्रबंधन द्वारा 17 नवंबर 2025 को अपने G-9 आवासीय प्रोजेक्ट के भूमि-पूजन के बाद सीमेंट बैरिकेड लगाकर पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

अचानक बंद हुआ जीवन-रेखा समान मार्ग
स्थानीय अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान ने बताया कि वर्ष 1981 से लेकर 18 नवंबर 2025 तक यह मार्ग न केवल उनके लिए बल्कि इंदिरा मार्केट और आसपास के सैकड़ों परिवारों के लिए सिविक सेंटर, डेली मार्केट और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों तक पहुंचने का एकमात्र सुविधाजनक रास्ता रहा है। यह मार्ग बच्चों के स्कूल जाने का सुरक्षित रास्ता भी था और नागरिकों की दैनिक जीवन-रेखा के समान था, जो आज तक कभी बंद नहीं हुआ था।
लेकिन 17 नवंबर को भूमि-पूजन के बाद इस पुराने मार्ग को दोनों ओर से सीमेंट के भारी बैरिकेड लगाकर अचानक बंद कर दिया गया। इसके साथ ही बगल के छोटे वैकल्पिक रास्तों को भी एक-एक कर सीमेंट ब्लॉकों से पूरी तरह बंद कर दिया गया, ताकि किसी भी तरह से आम नागरिक इस क्षेत्र में आवागमन न कर सकें।
कानून क्या कहता है?
अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान ने इस मनमानी को न केवल अवैध बताया है, बल्कि कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए इसे सीधे-सीधे अपराध करार दिया है।
**1. सुखाधिकार (Easement) कानून:**
उन्होंने बताया कि यदि कोई रास्ता पीढ़ियों से जनता द्वारा उपयोग में है, चाहे वह राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो या नहीं, तो जनता को उस पर Easement of Necessity और Easement by Prescription का कानूनी अधिकार होता है। ऐसे में यह रास्ता किसी निजी संस्था या व्यक्ति द्वारा बंद नहीं किया जा सकता। ऐसा करना सीधे तौर पर सुखाधिकार हनन है।
**2. लोक न्यूसेंस (Public Nuisance):**
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 270 के अनुसार, किसी ऐसे कार्य को लोक न्यूसेंस कहा जाता है जिससे आम जनता की सुविधा, सुरक्षा, आवागमन या स्वास्थ्य में बाधा उत्पन्न हो। BALCO प्रबंधन द्वारा 50 से अधिक वर्षों से उपयोग में आ रहे आम रास्ते को बंद करना और वैकल्पिक मार्गों को भी सीमेंट बैरिकेड से सील करना क्लासिक पब्लिक न्यूसेंस की श्रेणी में आता है।
**3. दंड का प्रावधान:**
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 292 के तहत लोक न्यूसेंस करने वाले व्यक्ति या संस्था पर दण्डात्मक कार्रवाई और जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा BNS की धारा 283 भी लागू होती है, जिसके अनुसार सड़क, रास्ता या सार्वजनिक मार्ग पर अवरोध उत्पन्न करना अपराध है।
**4. तत्काल कार्रवाई का अधिकार:**
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 152 के तहत SDM या कार्यपालक दंडाधिकारी को स्वतः संज्ञान लेते हुए तुरंत आदेश जारी कर रास्ता खुलवाने का अधिकार है। इस धारा के अनुसार, लोक न्यूसेंस को तत्काल समाप्त करने की शक्ति प्रशासन के पास है।
### **प्रशासन की चुप्पी पर सवाल**
अधिवक्ता खान ने कहा कि पचास वर्षों से खुला रास्ता अचानक बंद कर दिया गया, बैरिकेड लगाकर पूरे क्षेत्र को घेर दिया गया और नागरिकों के अधिकारों का खुला उल्लंघन हुआ, लेकिन प्रशासन अब तक मौन है। यह मौन अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
उन्होंने कहा कि यह रास्ता नागरिक स्वतंत्रता, सुविधा और कानूनी अधिकारों का प्रतीक है। किसी भी संस्था को यह अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक मार्गों का निजीकरण कर दे। उन्होंने बताया कि वहां एक फ्लेक्स लगाया गया है जिस पर लिखा है कि “कार्य प्रगति पर है कृपया धीरे चलें,” लेकिन जब रास्ता ही पूरी तरह बंद है तो नागरिक चलें किस मार्ग पर।
### **प्रशासन से कार्रवाई की मांग**
अधिवक्ता अब्दुल नफीस खान ने स्थानीय प्रशासन से आग्रह किया है कि उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को शिकायत के रूप में लेकर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि लोकमार्ग जनता का होता है, किसी परियोजना का नहीं। कोई भी संस्था जनता के अधिकारों से ऊपर नहीं है।
यह मामला बालको नगर में सार्वजनिक अधिकारों और निजी परियोजनाओं के बीच संघर्ष का एक ज्वलंत उदाहरण बन गया है, जहां नागरिक अपने मौलिक अधिकारों के लिए आवाज उठा रहे हैं।






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