कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में सेवामुक्त पूर्व कर्मचारियों और आम नागरिकों से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं को लेकर उठती शिकायतों के बीच कोरबा जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। जिला कलेक्टर कार्यालय द्वारा वेदांता/बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जारी पत्र में प्रबंधन को लंबित भुगतान से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं, बिजली-पानी कनेक्शन पुनर्स्थापना जैसी समस्याओं का तत्काल और नियमानुसार समाधान करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिकायतों पर त्वरित प्रशासनिक प्रतिक्रिया
प्राप्त पत्र के अनुसार, कलेक्टर कार्यालय को बताया गया कि वेदांता प्रबंधन के अधीन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की बकाया देनदारियाँ, चिकित्सा सेवाएँ, आवश्यक सुविधाएँ, कटे हुए बिजली कनेक्शन और जल आपूर्ति व्यवस्था लंबे समय से अव्यवस्थित हैं। इन मुद्दों से जुड़े आवेदनों की समीक्षा के बाद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सर्वोच्च स्तर पर कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की।
कलेक्टर का स्पष्ट निर्देश: “नियमों के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करें”
– कलेक्टर कोरबा द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि संबंधित शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और प्रबंधन को निर्देशित किया जाता है कि:—सेवा निवृत्त कर्मचारियों को पूर्व एवं उपरांत देय राशि का निपटान किया जाए।
– चिकित्सा और आवश्यक नागरिक सुविधाओं को अविलंब बहाल किया जाए।
– विच्छेदित बिजली कनेक्शनों और जल कनेक्शनों की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक पुनर्स्थापना की जाए।
– सभी मामलों में नियमों के अनुरूप शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदक का पत्र विधिवत प्राप्त हो चुका है और उसके आधार पर यह कदम उठाया गया है।
मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों पर बड़ा सवाल
यह पत्र न केवल प्रशासनिक जवाबदेही को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कोरबा जैसे औद्योगिक क्षेत्र में कर्मचारियों और नागरिकों से जुड़े मुद्दे कितने संवेदनशील और मानव-केंद्रित हैं। सेवानिवृत्त कर्मियों की देनदारियाँ और चिकित्सा सेवाएँ सीधे उनकी जीवन सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन से जुड़ी होती हैं।
बिजली व पानी जैसी जरूरी सुविधाओं का बंद होना लोगों के दैनिक जीवन में सीधा संकट पैदा करता है। ऐसे में प्रशासन का यह हस्तक्षेप प्रभावित परिवारों को राहत की उम्मीद देता है।
वेदांता-बालको पर नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी
औद्योगिक क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत सार्वजनिक-निजी संस्थानों के लिए यह आवश्यक माना जाता है कि वे कर्मचारियों— विशेषकर वरिष्ठ और सेवामुक्त कर्मियों— के अधिकारों का सम्मान करें।
कलेक्टर का यह पत्र प्रबंधन को याद दिलाता है कि— औद्योगिक विकास के साथ मानव गरिमा और अधिकारों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। प्रशासनिक शिकायतों की अनदेखी अब स्वीकार्य नहीं होगी।

वेदांता के अगले कदम की प्रतीक्षा
अब निगाहें इस बात पर होंगी कि वेदांता/बालको प्रबंधन इन निर्देशों पर कितनी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करता है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों और प्रभावित परिवारों को उम्मीद है कि यह प्रशासनिक नोटिस उनकी समस्याओं के समाधान का रास्ता खोलेगा और बुनियादी सुविधाओं की बहाली जल्द शुरू होगी।






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