वातानुकूलित तीन पेइंग रूम, संक्रमण रहित 6 बिस्तर का स्पेशल वार्ड की मिली सुविधा
सामाजिक संगठनों ने बढाया मदद का हाथ और जुड़ती गई मदद की श्रृंखला
रायगढ़(पब्लिक फोरम)। रायगढ़ जिले के खरसिया स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। कभी साधारण सेवाओं वाला यह अस्पताल अब जिला प्रशासन की सक्रियता, जनप्रतिनिधियों की पहल और सामाजिक संगठनों के योगदान से ऐसा बदला है कि लोग तुलना प्राइवेट अस्पतालों से करने लगे हैं। महज एक महीने में अस्पताल की तस्वीर बदल गई है। साफ-सफाई, व्यवस्था, सुविधाएँ और सेवा, हर स्तर पर आश्चर्यजनक सुधार देखने को मिल रहा है। इस बदलाव में जिला प्रशासन का मागदर्शन, एसडीएम श्री प्रवीण तिवारी और स्वास्थ्य केंद्र के डॉ.वी.एस.राठिया की रुचि और, नगर पालिका अध्यक्ष श्री कमल गर्ग सहित सामाजिक संगठनों की सक्रियता और जनभागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका देखी जा रही है।
खरसिया नगर पालिका की सीमा में संचालित यह सरकारी अस्पताल पहले बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझता रहा, लेकिन पिछले एक माह में जिस तेजी से जनसहयोग की धारा यहाँ उमड़ी है, उसने अस्पताल की कार्यप्रणाली को नई दिशा दे दी है। मरीजों की बढ़ती संख्या और लोगों का बढ़ता भरोसा इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण है। जहां कभी लोग गंभीर मरीजों को निजी अस्पताल ले जाने को मजबूर होते थे, वहीं अब यही अस्पताल सुरक्षित प्रसव से लेकर बड़ी शल्यक्रियाओं तक का केंद्र बनता जा रहा है।
अस्पताल की सबसे बड़ी उपलब्धि तीन नए पेइंग वार्ड हैं, जिन्हें जनसहयोग से शानदार रूप दिया गया है। इन कमरों में एसी से लेकर सोफा सेट और वाश बेसिन तक की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इन तीनों कमरों का कायाकल्प अलग-अलग संगठनों ने किया है। एक कमरा का दायित्व रोटरी क्लब ने, दूसरे का लायंस क्लब ने, और तीसरे पेइंग रूम की जिम्मेदारी मारवाड़ी युवा मंच ने उठाई है। सामाजिक संगठनों के समर्पण का ही परिणाम है कि सरकारी अस्पताल अब प्राइवेट जैसी सुविधा देने में सक्षम हो सका है।
संक्रमण रहित 6 बेड स्पेशल वार्ड की सुविधा, संस्थागत प्रसव 32 से बढ़कर 90 हुई
अस्पताल में जच्चा माताओं के लिए संक्रमण-रहित छह बिस्तरों वाला विशेष वार्ड भी तैयार किया गया है। इससे सुरक्षित प्रसव और शल्यक्रिया के बाद माताओं तथा नवजात शिशुओं की देखभाल में बड़ी सुविधा मिली है। इसी का परिणाम है कि जहाँ पहले महीने में केवल तीन से चार सिजेरियन ऑपरेशन होते थे, अब यह संख्या पचास से अधिक हो चुकी है। संस्थागत डिलीवरी भी अब पहले की तुलना में लगभग तीन गुना हो चुकी हैं। पहले जहाँ 32 डिलीवरी दर्ज होती थीं, अब हर माह करीब 90 प्रसव सफलतापूर्वक किए जा रहे हैं।
अस्पताल में हुई सकारात्मक बदलाव की होने लगी जन समुदाय में चर्चा
खरसिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बढ़ती भीड़ और बेहतर प्रबंधन के पीछे जिला प्रशासन, खरसिया एसडीएम श्री प्रवीण तिवारी, नगर पालिका अध्यक्ष कमल गर्ग की निरंतर निगरानी, रोटरी क्लव, लायन्स क्लब, मारवाड़ी युवा मंच के साथ जनसहयोग भावना जुटाने की उनकी सक्रिय भूमिका की भी सराहना हो रही है। खरसिया एसडीएम प्रवीण तिवारी ने बताया कि शासकीय अस्पताल में सुधार के लिए कई नई योजनाओं पर कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने भोजन व्यवस्था को और बेहतर बनाने, अस्पताल परिसर में व्यवस्थित साइकिल स्टैंड निर्माण, जीवनदीप समिति कार्यालय के नवनिर्मित एसी कक्ष का शुभारंभ, और अस्पताल स्टाफ को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने जैसी कई पहलें की हैं। उन्होंने ने बताया कि आने वाले समय में डॉक्टरों, नर्सों और अन्य आवश्यक स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई जाएगी, जिससे अस्पताल की सेवा क्षमता और दोगुनी हो सके। यह बदलाव केवल अस्पताल की दीवारों के भीतर ही नहीं, बल्कि लोगों के मन में भी दिखाई देता है। क्षेत्र के नागरिक अब गर्व से कहते हैं कि खरसिया का सरकारी अस्पताल अब भरोसे का पर्याय बन रहा है।
खरसिया अस्पताल में सेवाओं की नई उड़ान, ऑपरेशन और डिलीवरी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
जनसहयोग से खरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आए सकारात्मक बदलाव के बाद पिछले एक माह में स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित प्रसव और सिजेरियन ऑपरेशनों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। खरसिया एसडीएम श्री प्रवीण तिवारी ने बताया कि पहले जहाँ महीने में केवल 3-4 सिजेरियन ऑपरेशन होते थे, अब इनकी संख्या 50 से अधिक हो चुकी है। इसी तरह संस्थागत डिलीवरी भी 32 से बढ़कर लगभग 90 हो गई हैं। पेइंग वार्ड, संक्रमण-रहित जच्चा वार्ड और चिकित्सा सेवाओं में आई गुणवत्ता के कारण लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ा है। आने वाले समय में यह अस्पताल पूरे जिले के लिए एक मॉडल हेल्थ सेंटर के रूप में उभरेगा।





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