रविवार, अक्टूबर 26, 2025
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न्यायालय के आदेश से शांति नगर के 46 परिवारों को मिली राहत: बालको को दिए गए पुनर्वास के निर्देश

कोरबा में न्याय और विकास की नई मिसाल, प्रभावित परिवारों को रोजगार में मिलेगी प्राथमिकता

कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। वर्षों से न्याय की राह देख रहे शांति नगर पुनर्वास क्षेत्र के 46 परिवारों के लिए आखिरकार उम्मीद की किरण फूटी है। माननीय न्यायालय और अपर कलेक्टर कोरबा के निर्णायक आदेशों ने इन परिवारों को वह न्याय दिलाया है, जिसकी उन्हें लंबे समय से प्रतीक्षा थी। यह फैसला न सिर्फ कानूनी जीत है, बल्कि उन साधारण परिवारों की आवाज की जीत है, जो अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे।

न्यायालय के आदेश: एक ऐतिहासिक कदम
माननीय न्यायालय और अपर कलेक्टर कोरबा के आदेशों के तहत, बालको प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे छत्तीसगढ़ भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास नीति के प्रावधानों का पूर्णतः पालन करते हुए शेष प्रभावित परिवारों का अधिग्रहण और पुनर्वास सुनिश्चित करें। यह निर्णय उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अपनी जमीन और आजीविका के नुकसान से जूझ रहे थे।

17 मार्च 2023 को हस्ताक्षरित सहमति पत्र में दो महत्वपूर्ण शर्तें शामिल की गई थीं, जो इस पूरे मामले की नींव बनीं। पहली शर्त में बालको प्रबंधन पर जिम्मेदारी डाली गई कि वे राज्य की भूमि अधिग्रहण नीति के अनुरूप शेष प्रभावित परिवारों का अधिग्रहण करें। दूसरी शर्त में यह सुनिश्चित किया गया कि प्रभावित परिवारों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए, ताकि वे न सिर्फ अपनी जमीन का मुआवजा पाएं, बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकें।

रोजगार की उम्मीद: 39 बायोडाटा जमा
स्थानीय निवासियों ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हुए 27 फरवरी 2024 को कुल 39 बायोडाटा बालको प्रबंधन को सौंप दिए हैं। यह कदम उनकी उस आशा को दर्शाता है, जो उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया पर रखी है। इन परिवारों के लिए रोजगार सिर्फ आय का जरिया नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे भी अपने ही इलाके में रहकर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

शांति नगर के एक निवासी का कहना है, “हमने कभी अपनी जमीन छोड़ने की नहीं सोची थी, लेकिन जब विकास की जरूरत आई, तो हमने अपना योगदान दिया। अब हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि हमारे परिवारों को सम्मान के साथ पुनर्वासित किया जाए और हमारे युवाओं को रोजगार मिले।”

न्याय और विकास की मिसाल
शांति नगर के निवासियों ने इस फैसले का भावपूर्ण स्वागत करते हुए बालको प्रबंधन से अपील की है कि वे न्यायालय के आदेशों का पूर्ण पालन करें और स्थानीय पात्र परिवारों को रोजगार प्रदान करके “न्याय और विकास दोनों की मिसाल” कायम करें। यह मांग केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि एक संतुलित और समावेशी विकास की दिशा में उठाया गया कदम है।

विकास की प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों की भागीदारी और उनके अधिकारों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। शांति नगर का यह मामला इस बात का उदाहरण है कि जब न्यायपालिका और प्रशासन मिलकर काम करते हैं, तो आम नागरिकों को न्याय मिल सकता है।

शांति नगर के निवासियों ने माननीय न्यायालय, अपर कलेक्टर कोरबा, एसडीएम कोरबा और सभी संबंधित अधिकारियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “हम सत्य और न्याय की राह पर डटे रहे। आज यह जीत सभी प्रभावित परिवारों की आवाज की जीत है।”

यह संदेश सिर्फ शांति नगर के लिए नहीं, बल्कि देश भर में विकास परियोजनाओं से प्रभावित हर उस समुदाय के लिए प्रेरणा है, जो अपने हक के लिए संघर्ष कर रहा है। यह बताता है कि धैर्य, दृढ़ता और कानूनी प्रक्रिया में विश्वास से न्याय अवश्य मिलता है।

अब सभी की नजरें बालको प्रबंधन पर टिकी हैं। निवासियों को उम्मीद है कि कंपनी न्यायालय के आदेशों का शीघ्र और प्रभावी ढंग से पालन करेगी। पुनर्वास प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से लागू किया जाएगा और रोजगार के अवसर योग्यता के आधार पर स्थानीय युवाओं को प्रदान किए जाएंगे।

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