बुधवार, सितम्बर 17, 2025
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जिले के धार्मिक स्थलों का होगा कायाकल्प: कनकेश्वर, मड़वारानी और मातिनदाई मंदिरों के विकास के लिए 2.16 करोड़ स्वीकृत

कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिले के प्रसिद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश और मंत्री लखन लाल देवांगन के मार्गदर्शन में, कलेक्टर अजीत वसंत ने जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) मद से 2 करोड़ 16 लाख 94 हजार 766 रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस राशि का उपयोग जिले के तीन प्रमुख मंदिरों – कनकेश्वर धाम, मड़वारानी मंदिर और मातिनदाई मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।

श्रद्धालुओं को मिलेगी बेहतर सुविधाएं
यह राशि मुख्य रूप से पेयजल व्यवस्था, मंच निर्माण, आर्चशेड, और सोलर पावर प्लांट जैसी बुनियादी सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। इसका सीधा लाभ उन हजारों भक्तों को मिलेगा जो हर साल इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से, गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या से जूझ रहे श्रद्धालुओं को अब राहत मिलेगी।

किस मंदिर को मिली कितनी राशि?
🔸मड़वारानी मंदिर (करतला): यहां मंच निर्माण के लिए 19.92 लाख, आर्चशेड के लिए 25.97 लाख, और पेयजल व्यवस्था के लिए 39.67 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इन कार्यों के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जिम्मेदारी दी गई है।
🔸कनकेश्वर महादेव मंदिर (कनकी): इस मंदिर परिसर में शेड निर्माण के लिए 45.50 लाख रुपये और 2.4 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए 6.82 लाख रुपये से अधिक की राशि मंजूर की गई है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा और क्रेडा को इन कार्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
🔸मातिनदाई मंदिर (पोड़ीउपरोड़ा): यहां पेयजल व्यवस्था के लिए पाइपलाइन बिछाने हेतु 33.09 लाख और सीढ़ी निर्माण के लिए 30 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और सीईओ जनपद पोड़ीउपरोड़ा इन कार्यों को पूरा करेंगे।

विकास से जुड़ा डीएमएफ फंड
यह पहली बार नहीं है जब डीएमएफ फंड का उपयोग सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास का प्रमुख उद्देश्य खनन से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के कल्याण और विकास को सुनिश्चित करना होता है। इस पहल से न केवल इन धार्मिक स्थलों का सौंदर्य बढ़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। यह पहल यह भी दर्शाती है कि शासन-प्रशासन समाज के हर वर्ग की जरूरतों के प्रति संवेदनशील है।

यह खबर कोरबा के धार्मिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। क्या आप भी इन मंदिरों में हुए इस विकास से खुश हैं? अपनी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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