कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा में सरकारी योजनाओं और विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए, कलेक्टर अजीत वसंत ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने हाल ही में हुए युक्ति युक्तकरण के तहत पदस्थापित शिक्षकों को चेतावनी दी है कि यदि वे 7 दिन के भीतर अपने नए स्कूल में कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं, तो उन पर ‘नो वर्क, नो पेमेंट’ (काम नहीं तो वेतन नहीं) का नियम लागू होगा। इसके साथ ही, ऐसे शिक्षकों की नौकरी समाप्त करने (सर्विस ब्रेक) के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाना और शिक्षकों की जवाबदेही तय करना है।
कलेक्टर की सख्त कार्रवाई
कलेक्टर श्री वसंत ने जिला शिक्षा अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन शिक्षकों के मामले कोर्ट में लंबित नहीं हैं, उन्हें तत्काल 7 दिनों के भीतर नए पदस्थापना स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने को कहा जाए। इस समय सीमा का पालन न करने वाले शिक्षकों को न तो वेतन मिलेगा और न ही उनकी सेवा जारी रखी जाएगी। यह कार्रवाई लंबे समय से चल रही पदस्थापन संबंधी समस्याओं और शिक्षकों की लापरवाही को देखते हुए की गई है।


बंद योजनाओं के खाते होंगे बंद
बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न विभागों को यह भी निर्देश दिया कि जो सरकारी योजनाएं बंद हो चुकी हैं, उनके बैंक खाते तत्काल बंद कराए जाएं। इन खातों में बची हुई धनराशि को सरकारी खजाने में जमा किया जाए। ऐसा करने से सरकारी पैसों का दुरुपयोग रोका जा सकेगा और वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी।
आत्मानंद स्कूलों में पारदर्शी भर्ती
कलेक्टर ने जिले में संचालित पीएम श्री और आत्मानंद विद्यालयों की भी समीक्षा की। उन्होंने आत्मानंद स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए पारदर्शी और योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि इन प्रतिष्ठित स्कूलों में योग्य शिक्षक ही नियुक्त हों, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे।
राजस्व विभाग को भी निर्देश
बैठक में राजस्व विभाग के कार्यों की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विवादित और अविवादित नामांतरण, खाता विभाजन, और त्रुटि सुधार जैसे मामलों में तेजी लाई जाए। इसके अलावा, उन्होंने एग्रीस्टेक पोर्टल पर सभी किसानों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराने का भी निर्देश दिया, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंच सके।
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से ई-ऑफिस प्रणाली का उपयोग करने और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि घटिया निर्माण वाले भवनों के ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, अतिक्रमण, स्कूल में नाश्ते की व्यवस्था और धार्मिक स्थलों पर सुविधाओं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग, अपर कलेक्टर देवेंद्र पटेल और सभी एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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