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कोरबा के 30 गाँवों की बदलेगी तस्वीर: हर गाँव में खुलेगा ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’, ग्रामीणों को मिलेगी शहर जैसी सुविधाएँ

🔹 कोरबा जनपद पंचायत के 30 चयनित गाँवों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों का निर्माण किया जाएगा।
🔹इस महत्वपूर्ण योजना को गति देने के लिए 15 सितंबर 2025 को जिला पंचायत में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई गई है।
🔹इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल क्रांति लाना और सरकारी योजनाओं को सीधे ग्रामीणों तक पहुँचाना है।

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले के ग्रामीण अंचलों के लिए एक बड़ी और ऐतिहासिक खुशखबरी है। अब गाँव के लोगों को छोटी-छोटी ऑनलाइन सेवाओं और सरकारी कामों के लिए शहर की ओर नहीं भागना पड़ेगा। प्रशासन ने जनपद पंचायत कोरबा के अंतर्गत 30 ग्राम पंचायतों में ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र भवन’ के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। यह कदम ग्रामीण जीवन में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखता है, जिससे विकास की मुख्यधारा सीधे गाँवों के दरवाज़े तक पहुँचेगी।

योजना को लेकर प्रशासनिक सक्रियता तेज
इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तेज़ी से काम शुरू हो गया है। जनपद पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने दिनांक 12 सितंबर 2025 को एक आधिकारिक पत्र (क्रमांक / 4523 / ज.पं. / अ.डि.पं. / 2025) जारी किया है। इस पत्र के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है कि योजना के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी।

यह बैठक दिनांक 15 सितंबर 2025 को दोपहर 12:00 बजे जिला पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की अध्यक्षता में होगी। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी (ग्रामीण यांत्रिकी सेवा), उप-अभियंता, और संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच एवं सचिवों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि योजना के क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा की जा सके।

क्या बदल जाएगा इन केंद्रों के बनने से?
‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का मतलब सिर्फ एक भवन का निर्माण नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण सशक्तिकरण का एक नया अध्याय है। इन केंद्रों के माध्यम से गाँव के लोगों को निम्नलिखित सुविधाएँ मिलेंगी:
🔸सरकारी योजनाओं तक आसान पहुँच: किसान, छात्र, और बुजुर्ग अब अपने गाँव में ही विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
🔸डिजिटल साक्षरता: गाँव के युवाओं और महिलाओं को कंप्यूटर और इंटरनेट का प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे उनके लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
🔸समय और धन की बचत: अब ग्रामीणों को प्रमाण पत्र, फॉर्म भरने, या किसी जानकारी के लिए तहसील या जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, जिससे उनके समय और पैसे दोनों की बचत होगी।
🔸शिक्षा और स्वास्थ्य: छात्र ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे और लोग टेलीमेडिसिन जैसी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ सकेंगे।
यह पहल प्रधानमंत्री के ‘डिजिटल इंडिया’ विजन को ज़मीनी स्तर पर साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो अब तक डिजिटल दुनिया से दूर थे।

इन गाँवों को मिला तोहफा
जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा उन 30 ग्राम पंचायतों की सूची भी जारी कर दी गई है जहाँ इन केंद्रों का निर्माण किया जाना है। इस सूची में कोरकोमा, अमलडीहा, दोंदरो, रजगामार, तिलकेजा, उरगा, धनगांव, कुदुरमाल, बेला, रजगामार, भूलसीडीह, गढ़उपरोड़ा, उरगा और जामबहार जैसे कई गाँव शामिल हैं। इस खबर से चयनित गाँवों में खुशी का माहौल है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इन केंद्रों के बनने से उनके जीवन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव आएगा।

प्रशासन का यह कदम निश्चित रूप से सराहनीय है। यह न केवल गाँवों और शहरों के बीच की डिजिटल खाई को पाटेगा, बल्कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी मील का पत्थर साबित होगा।

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