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गुरूवार, सितम्बर 11, 2025
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कोरबा: सरकारी जंगल की 10 हेक्टेयर भूमि पर भू-माफिया का कब्जा? कलेक्टर से न्याय की गुहार

कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में भू-माफिया द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्राम रुमगरा में स्थित 10 हेक्टेयर से अधिक की वन भूमि पर न केवल अवैध रूप से कब्जा किया गया है, बल्कि पेड़ों की कटाई कर उसकी अवैध प्लॉटिंग और बिक्री भी की जा रही है। इस पूरे प्रकरण के कारण एक परिवार का अपनी निजी भूमि तक पहुंचने का रास्ता भी बंद हो गया है, जिसके बाद पीड़ित ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।

क्या है पूरा मामला?
शांति नगर, बालको के निवासी पी. कालिदास ने जिला कलेक्टर को एक शिकायती पत्र सौंपकर इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। शिकायत के अनुसार, ग्राम रुमगरा में उनकी स्वर्गीय माता श्रीमती पी. मंगम्मा के नाम पर खसरा क्रमांक 1166/1 में 0.4170 हेक्टेयर निजी भूमि है। इस भूमि के ठीक बगल में सरकार की ‘बड़े झाड़ का जंगल’ श्रेणी की विशाल भूमि है, जिसका खसरा क्रमांक 11914/1/क और रकबा 10.562 हेक्टेयर है।

कालिदास का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने इस बेशकीमती सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। शिकायत में रूपा मूर्ति नामक व्यक्ति का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है, जिसने कथित तौर पर निर्माण कार्य कर आम रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है। इसके अलावा, मनोज ध्रुव और रोहित प्रजापति जैसे अन्य व्यक्तियों पर भी जमीन को अपना बताकर भोले-भाले लोगों को अवैध रूप से बेचने का आरोप है।

एक बेटे की दर्दभरी दास्ताँ और अवरुद्ध रास्ता
इस अवैध कब्जे और निर्माण के कारण कालिदास का अपनी स्वर्गीय माँ की भूमि तक पहुंचना असंभव हो गया है। आम रास्ता बंद होने से वे अपनी ही जमीन पर जाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में इस बात का भी जिक्र किया है कि इस क्षेत्र में संदिग्ध और गैरकानूनी गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिससे इलाके की शांति और सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। यह मामला सिर्फ भूमि पर कब्जे का नहीं, बल्कि एक नागरिक के उसके अधिकारों से वंचित होने और एक बेटे की अपनी पारिवारिक विरासत को सहेजने की लड़ाई का भी है।

प्रशासन से न्याय की उम्मीद
श्री कालिदास ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल और कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में पाँच प्रमुख माँगें रखी हैं:-

– शासकीय भूमि का तत्काल सीमांकन और स्थल निरीक्षण किया जाए।
– अवैध अतिक्रमण, निर्माण कार्य और अवैध बिक्री को तुरंत हटाया जाए।
– इस धोखाधड़ी में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई हो।
– उनकी माता की निजी भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
– अवरुद्ध किए गए आम रास्ते को मुक्त कराकर आवागमन बहाल किया जाए।

कोरबा जिले में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण की शिकायतें पहले भी आती रही हैं और प्रशासन समय-समय पर कार्रवाई करता रहा है। अब देखना यह होगा कि कालिदास की इस गंभीर शिकायत पर जिला प्रशासन कितनी जल्दी संज्ञान लेता है। इस मामले का निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएगी, बल्कि भू-माफिया के हौसलों पर भी लगाम लगाएगी।

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