रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय के लोगों पर हो रहे निरंतर हमलों और शासन के कथित नरम रवैये के विरोध में ‘मूल निवासी संघ’ के नेतृत्व में हजारों लोगों ने मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को राजधानी रायपुर में एक विशाल आक्रोश रैली निकाली। इस प्रदर्शन के माध्यम से ईसाई समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उपद्रवी तत्वों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई।
रायपुर के सुभाष चौक से दोपहर 12 बजे शुरू हुई यह रैली गांधी मैदान तक पहुंची, जिसमें लगभग 5000 की संख्या में प्रदर्शनकारी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि कुछ कट्टरपंथी हिंदू संगठनों द्वारा मसीही समाज को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, उनके प्रार्थना स्थलों और चर्चों में तोड़फोड़ की जा रही है और लोगों के घरों में घुसकर मारपीट की जा रही है। हाल ही में एक नन पर हुए हिंसक हमले और झूठे आरोपों के बाद समुदाय का आक्रोश और बढ़ गया था, जिसके परिणामस्वरूप यह रैली आयोजित की गई।
गांधी मैदान में रैली एक सभा में परिवर्तित हो गई, जहाँ मूल निवासी संघ के पदाधिकारियों और पास्टरों ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। वक्ताओं ने राज्य सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा करने वालों को कानून का कोई भय नहीं रह गया है।
इस अवसर पर मूल निवासी संघ के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष अमरजीत पटेल ने कहा, “हम अपने ही देश में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हमारे धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है और हमारे लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। सरकार को इस संगठित हिंसा पर तुरंत लगाम लगानी चाहिए।”
इससे पहले भी मूल निवासी संघ कवर्धा और धमतरी में ईसाई समाज पर हुए हमलों के विरोध में बड़ी रैलियाँ आयोजित कर चुका है। रायपुर की यह रैली इसी श्रृंखला की एक महत्वपूर्ण कड़ी थी।
सभा को संबोधित करने वाले अन्य प्रमुख वक्ताओं में संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष एम. रे राय मथाई, संगठन सचिव साजी जॉन, प्रवीण पलिया, प्रदेश प्रभारी योगेश कुमार साहू, चंद्र प्रकाश ढिढी, मैडम रीता कुमार, पी. सी. गिलक्रिस्ट और रायपुर जिलाध्यक्ष ललित साहू शामिल थे। मंच का संचालन हरीश साहू ने किया। प्रदर्शन के समापन पर, संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें ईसाई समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।






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