कोरबा/बालकोनगर (पब्लिक फोरम)। केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरोध में आहूत 9 जुलाई 2025 को होने वाली एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने के उद्देश्य से, बालको नगर जिला कोरबा के एटक यूनियन के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन दिनांक 6 जुलाई 2025 को मुस्ताक भवन स्थित एटक कार्यालय बालको में संपन्न हुआ।
इस कार्यकर्ता सम्मेलन में आगामी 9 जुलाई को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई और एक प्रभावी रणनीति बनाई गई। हड़ताल की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक बिंदुओं के अनुपालन की जिम्मेदारी विभिन्न साथियों को सौंपी गई।

यह सर्वविदित है कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नई नीतियां, जैसे कि चार श्रम संहिताएं, सरकारी उद्योगों और वित्तीय संस्थाओं का निजीकरण, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी, मजदूरों के हितों के विपरीत हैं। इन्हीं नीतियों के विरोध में संयुक्त ट्रेड यूनियनों और स्वतंत्र श्रमिक संगठनों के आह्वान पर यह एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल आयोजित की जा रही है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ एटक के महासचिव कॉमरेड हरिनाथ सिंह ने मोदी सरकार के कार्यकाल की नीतियों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2014 से सरकार मजदूर विरोधी और कॉर्पोरेट हितैषी कार्य कर रही है। चार नए श्रम कानूनों के माध्यम से मजदूरों के अधिकारों का हनन हो रहा है। सरकारी कारखानों, खदानों, बंदरगाहों, जहाजों, रेलवे, तेल, कोयला, बैंकों और बीमा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को चुनिंदा उद्योगपतियों के हाथों में बेचा जा रहा है।

कॉमरेड हरिनाथ सिंह ने किसानों की समस्याओं पर भी प्रकाश डाला और कहा कि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को मजबूत नहीं किया जा रहा है। उन्होंने स्थायी नौकरियों के स्थान पर ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने की निंदा की, जिसके तहत श्रमिकों को बिना किसी सामाजिक सुरक्षा के, एक निश्चित अवधि के लिए काम पर रखा जा रहा है और उन्हें कभी भी निकाला जा सकता है। उन्होंने कम वेतन पर अधिक घंटे काम करने की मजबूरी और सामाजिक सुरक्षा के नाम पर केवल “पीला हेलमेट” का मजाक उड़ाया।
निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मजदूरों से 12 से 14 घंटे काम लिया जा रहा है और उनका वेतन बंधुआ मजदूरी की तरह किया जा रहा है। कॉमरेड हरिनाथ सिंह ने आंकड़ों के साथ बताया कि 2014 से अब तक उद्योगपतियों के मुनाफे में 22.4% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मजदूरों के वेतन में मात्र 0.4% की ही वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि 9 जुलाई की हड़ताल इसलिए भी अत्यंत आवश्यक है ताकि केंद्र सरकार की जनविरोधी और किसान विरोधी नीतियों पर रोक लगाई जा सके और श्रमिक व किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।
इस कार्यकर्ता सम्मेलन में एस.के. सिंह, यूनियन के महासचिव सुनील सिंह, पी.के. वर्मा, धर्मेंद्र सिंह, धर्मेंद्र तिवारी सहित अन्य साथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए और सभी से एकजुट होकर हड़ताल को पूर्णतया सफल बनाने का आह्वान किया। सम्मेलन में उपस्थित सभी साथियों ने एक स्वर से घोषणा की कि वे सभी साथी 9 जुलाई को 24 घंटे के लिए पूर्ण हड़ताल पर रहेंगे।
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