कोरबा/दीपका (पब्लिक फोरम)। केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री के दीपका आगमन के अवसर पर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) दीपका क्षेत्र में जिस तरह से सड़कों को सजाया गया, उसने क्षेत्रीय महाप्रबंधक (जीएम) की कार्यशैली और संभावित भ्रष्टाचार को खुली किताब की तरह सामने ला दिया है। खदान क्षेत्र की सड़कें जिस भव्यता से सजाई गईं, उसे देखकर गेवरा-दीपका के नागरिक, कर्मचारी और विस्थापित समुदाय स्तब्ध रह गए।
आम चर्चा है कि यह आयोजन किसी साधारण सरकारी दौरे से अधिक किसी ‘राजशाही विवाह समारोह’ की तरह प्रतीत हुआ। करोड़ों रुपये के खर्च और साज-सज्जा को लेकर क्षेत्र में तीव्र आलोचना हो रही है। सड़कों के दोनों ओर पर्दे लगाकर की गई सजावट, अब झंडों से बदलने की बात कही जा रही है। सवाल यह है कि पहले जो पर्दे लगाए गए थे, उनका व्यय कौन वहन करेगा? क्या उसका भुगतान पहले ही हो चुका है? और अब झंडों पर फिर से अतिरिक्त खर्च क्यों?
सूत्रों के अनुसार, दीपका एरिया जीएम द्वारा खदान मार्गों को ‘दुल्हन की तरह’ सजवाने के पीछे मंत्री को प्रभावित करने और आंतरिक खामियों को छिपाने का प्रयास किया गया है। यह मामला तब और अधिक संदेहास्पद हो गया जब आनन-फानन में पर्दे हटाकर अब 1500 झंडे लगाने की योजना बनाई गई।
राजनीतिक दलों और ट्रेड यूनियनों ने भी इस फिजूलखर्ची पर आश्चर्य जताया है। उनका कहना है कि जब खदान क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी है, तब इस तरह का दिखावटी खर्च गैर-जिम्मेदाराना और जनविरोधी है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस पूरे प्रकरण में वित्तीय जवाबदेही किसकी होगी? क्या यह खर्च कंपनी के धन का दुरुपयोग नहीं है? और यदि यह कमीशनखोरी का मामला है, तो इसकी निष्पक्ष जांच क्यों न कराई जाए?
दीपका और गेवरा क्षेत्र की जनता इस प्रकरण को गंभीरता से देख रही है और मांग कर रही है कि इस ‘सजावटी भ्रष्टाचार’ की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
(यह रिपोर्ट सार्वजनिक स्रोतों और प्राप्त जानकारी पर आधारित है। यदि संबंधित अधिकारी या विभाग अपनी प्रतिक्रिया देना चाहें तो उसे भी उचित स्थान दिया जाएगा।)
Recent Comments