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रविवार, जुलाई 20, 2025
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मुख्यमंत्री से अरविंद नेताम की मुलाकात: संघ कार्यक्रम में श्री नेताम की सहभागिता को बताया प्रदेश का गौरव

रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम से सौजन्य मुलाकात की। हाल ही में श्री नेताम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिष्ठित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस उपलब्धि को मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए सम्मानजनक और प्रेरणादायक बताया।

❝ संघ और समाज की साझेदारी से ही नक्सलवाद-मतांतरण जैसी चुनौतियों का समाधान संभव ❞

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज के विभिन्न वर्गों को करीब लाने में सहायक होते हैं। उन्होंने अरविंद नेताम द्वारा कार्यक्रम में दिए गए विचारपूर्ण भाषण की प्रशंसा करते हुए कहा कि नेताम जी ने मतांतरण, नक्सलवाद, विकास और पर्यावरण जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर जन-हितैषी विमर्श प्रस्तुत किया, जो पूरे समाज के लिए उपयोगी है।

इस अवसर पर डॉ. प्रीति नेताम और समाजसेवी युवा नेता विनोद नागवंशी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में नेताम का संदेश: विकास में आदिवासियों की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य

कार्यक्रम के दौरान अरविंद नेताम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नक्सलवाद और मतांतरण जैसी समस्याएं केवल प्रशासनिक उपायों से नहीं, बल्कि आदिवासी समाज और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समन्वय से ही हल हो सकती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा नक्सलवाद पर उठाए गए कड़े कदमों की सराहना की, लेकिन जोर दिया कि अब आवश्यकता इसकी जड़ों को समाप्त करने की है।

विकास के मुद्दे पर श्री नेताम ने आग्रह किया कि आदिवासी समाज को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि सहभागी के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने भूमि अधिग्रहण की बजाय लीज पर भूमि देने की नीति का समर्थन किया, ताकि जनजातीय समुदाय की संवेदनशीलता और हकदारी दोनों सुरक्षित रह सकें।

साथ ही उन्होंने ‘डिलिस्टिंग आंदोलन’ के संदर्भ में राज्य और केंद्र सरकार से स्पष्ट और मजबूत कानून बनाए जाने की मांग भी रखी।

अरविंद नेताम का भाषण और उनके विचार आदिवासी समाज के अधिकारों, संस्कृति और भविष्य को लेकर गहरी चिंता को दर्शाते हैं। उनकी बातों में केवल आलोचना नहीं, बल्कि समाधान की दिशा में संवाद और सहयोग की भावना स्पष्ट दिखी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह कदम, कि वे स्वयं समाज के वरिष्ठ नेताओं से संवाद कर रहे हैं, एक समावेशी और जागरूक प्रशासनिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

यह मुलाकात केवल एक औपचारिक भेंट नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के सामाजिक और राजनीतिक विमर्श में नई संभावनाओं और सहभागिता के संकेत हैं। एक ओर जहाँ मुख्यमंत्री साय समाज के अनुभवों से सीखने को तत्पर हैं, वहीं नेताम जैसे वरिष्ठ नेताओं की दूरदृष्टि और अनुभवजन्य सुझाव राज्य की नीतियों को अधिक प्रभावशाली और जन-केंद्रित बनाने में सहायक हो सकते हैं।

राज्य और समाज के ऐसे संवाद भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत हैं। यदि प्रशासन, समाज और विचारशील नेतृत्व साथ आएं, तो न केवल समस्याओं का समाधान संभव है, बल्कि एक न्यायसंगत और समावेशी विकास मॉडल भी स्थापित किया जा सकता है।

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