“छत्तीसगढ़ सरकार: श्रमिकों के कल्याण के लिए ऐतिहासिक कदम”
रायपुर (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में श्रमिकों और उनके परिवारों के सशक्तिकरण के लिए कई व्यापक योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए लगातार आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। श्रम विभाग के तीन मंडल—छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार मंडल, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल और छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल—ने योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया है। इसके परिणामस्वरूप पिछले एक साल में श्रमिकों के खातों में लगभग 500 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित किए जा चुके हैं।
श्रम मंत्री का दावा: “श्रमिक का बच्चा अब श्रमिक नहीं रहेगा”
प्रदेश के श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि विष्णु देव सरकार के सुशासन में श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास सहित विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि का अवसर मिल रहा है। विभाग द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं में मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार किट योजना, शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना सहित कई अन्य शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “हर हाथ को काम” संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 255 करोड़ 31 लाख रुपये का बजट प्रावधान किया है।
मजदूर दिवस: श्रमिकों के अधिकारों की मांग का ऐतिहासिक संघर्ष
01 मई को विश्वभर में मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के अधिकारों, सामाजिक न्याय और सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों के लिए संकल्प लेना है। इस दिन की शुरुआत 1886 में शिकागो के हेमार्केट स्क्वायर में 8 घंटे के कार्य दिवस की मांग को लेकर हुए संघर्ष के बाद हुई थी। भारत में इसकी शुरुआत 1923 में चेन्नई से हुई। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने श्रमिकों के लिए 12 घंटे का कार्यकाल 8 घंटे में बदलकर तथा महिलाओं को प्रसूति अवकाश जैसी सुविधाएं देकर श्रमिक अधिकारों को मजबूत किया।

विशेष योजनाएं और बजट प्रावधान: 2025-26 के लिए रणनीति
– अटल श्रम सशक्तिकरण योजना: 125 करोड़ 10 लाख रुपये का प्रावधान।
– संगठित श्रमिकों के लिए अनुदान: 2.26 लाख पंजीकृत श्रमिकों के लिए 6 करोड़ रुपये।
– शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना: 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र स्थापित, जिन्हें 2025-26 में सभी जिलों में विस्तारित किया जाएगा।
– मोबाइल कैंप: असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए 4,705 मोबाइल कैंप लगाए जा चुके हैं।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बजट: 64 करोड़ रुपये का प्रावधान
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए 6 करोड़ 24 लाख रुपये और कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं के लिए 64 करोड़ 18 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके तहत श्रमिकों और उनके परिवारों को मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नीति का उद्देश्य: “हर हाथ को काम, हर पेट को अन्न”
श्रम मंत्री ने जोर देकर कहा कि विष्णु देव सरकार की आदर्श नीति “हर हाथ को काम, उचित दाम और हर पेट को अन्न” को पूरा करने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क गणवेश, पुस्तकें और खेल प्रोत्साहन योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं।
इन पहलों से छत्तीसगढ़ में श्रमिक समुदाय के जीवन में स्थायी सुधार की उम्मीद जगी है, जो मजदूर दिवस के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
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