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सोमवार, जुलाई 7, 2025
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राताखार रोड पर तीसरी दुर्घटना: सपना चौहान ने प्रशासन की लापरवाही पर उठाए सवाल, 2 करोड़ की स्वीकृत राशि के बावजूद नहीं हुआ चौड़ीकरण

और कितनी दुर्घटनाओं का निगम एवं जिला प्रशासन कर रहा इंतजार, राताखार रोड का चौड़ीकरण तत्काल कराया जाए – सपना चौहान
राताखार रोड में हुई तीसरी सड़क दुर्घटना

कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला कांग्रेस कमेटी कोरबा शहर की अध्यक्ष श्रीमती सपना चौहान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आज राताखार मार्ग पर हुई तीसरी दुर्घटना इस बात का प्रमाण है कि राताखार के उस रोड का चौड़ीकरण अत्यंत जरूरी है। इसके बावजूद न तो निगम प्रशासन, न ही जिला प्रशासन इस विषय पर संवेदनशील है। विदित हो कि इसके पूर्व 1 जनवरी 2025 को उक्त सड़क पर हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस घटना से आक्रोशित व्यक्तियों ने ट्रक को आग के हवाले कर आंदोलन किया था। उसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से सड़क चौड़ीकरण के लिए लिखित में आश्वासन दिया गया था कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा, लेकिन आज तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। इसके पूर्व में भी इसी सड़क से एक महिला की जान जा चुकी है। इसके बाद भी प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है।

कोरबा में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में निर्दोष लोगों की जान जा रही है। श्रीमती चौहान ने बताया कि राताखार चौक से नहर पूल तक सी.सी. रोड निर्माण/चौड़ीकरण कार्य हेतु 2.00 करोड़ की राशि निगम की मेयर इन काउंसिल से पारित कर 15वें वित्त आयोग मद से कार्य कराए जाने हेतु भेजा गया था, जिसे नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने 23.02.2024 को स्वीकृत कर आयुक्त को प्रेषित कर दिया था। जिसे तत्कालीन आयुक्त ने जानबूझकर आगे नहीं बढ़ाया। श्रीमती चौहान ने बताया कि तत्कालीन आयुक्त सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई द्वारा उक्त कार्य को अनावश्यक एवं अनुपयोगी बताकर एम.आई.सी. में पारित प्रस्ताव की अवहेलना करते हुए कार्य को निरस्त करने की अनुशंसा कर दी गई थी, जो कि अवैधानिक है।

तत्कालीन आयुक्त के इस फरमान से क्षुब्ध होकर वार्ड पार्षद रवि चंदेल ने उच्च न्यायालय में सड़क निर्माण व चौड़ीकरण कराने के लिए याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय को जवाब प्रस्तुत करते हुए तत्कालीन आयुक्त सुश्री ममगाई की तरफ से भ्रमित जानकारी देते हुए बताया गया कि उक्त सड़क निर्माण कराए जाने से अनेकों झुग्गी-झोपड़ी को विस्थापित कर उचित मुआवजा देना पड़ेगा, जबकि उक्त स्थल पर न तो झुग्गी-झोपड़ी को विस्थापित करना पड़ रहा था और न ही किसी प्रकार के मुआवजे का प्रकरण बन रहा था। श्रीमती चौहान ने बताया कि उक्त स्थल पर उस समय तत्कालीन आयुक्त द्वारा कोरबा वासियों के हित का ध्यान रखा होता एवं सड़क चौड़ीकरण का कार्य करवा दिया गया होता तो आए दिन जो घटनाएँ घटती रहती हैं, वे नहीं घटतीं।

श्रीमती चौहान ने ऐसे अधिकारियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी अपना गुडविल बनाने तथा प्रमोशन के कारण जनहित एवं जनमानस की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते। ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए।

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