कोरबा (पब्लिक फोरम)। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से राजनीतिक प्रचार-प्रसार करने के लिए पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। टीवी चैनल, केबल टीवी, रेडियो (निजी एफएम रेडियो सहित), सिनेमा घर, समाचार पत्र, बल्क एसएमएस/वॉयस मैसेज, तथा सार्वजनिक स्थानों पर दृश्य-श्रव्य माध्यमों से प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों के लिए एम.सी.एम.सी. (मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति) का प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है।
नगरीय निकाय चुनाव के प्रचार-प्रसार पर नजर रखने और विज्ञापनों के प्रमाणन के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अंतर्गत प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया सेल बनाए गए हैं, जो प्रसारित विज्ञापनों और समाचारों पर नजर रखेंगे।
प्रिंट मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन ई-पेपर में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों के लिए प्रमाणन अनिवार्य होगा। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए पूर्व प्रमाणन जरूरी है। इसके लिए निर्धारित प्रपत्र में दो सीडी के साथ एम.सी.एम.सी. समिति के समक्ष 36 घंटे पहले आवेदन करना होगा।
यदि पेड न्यूज का मामला सामने आता है, तो मीडिया प्रमाणन समिति द्वारा इसकी जांच की जाएगी और उचित निर्णय लिया जाएगा। पेड न्यूज और विज्ञापनों की लागत की गणना डीएवीपी (डायरेक्टरेट ऑफ ऑडियो विजुअल पब्लिसिटी) की निर्धारित दरों के अनुसार की जाएगी।
टीवी या टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों को समिति द्वारा प्रमाणित किए जाने के बाद ही प्रसारित किया जा सकेगा। यह प्रमाणन प्रक्रिया मुख्य रूप से आदर्श आचार संहिता से जुड़ी हुई है। सामाजिक समरसता को बिगाड़ने वाले, तनाव बढ़ाने वाले, संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता और सदाचार के विरुद्ध, या किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाले विज्ञापनों को प्रकाशित या प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद टीवी, केबल, रेडियो, ई-पेपर, सिनेमा घरों और सार्वजनिक स्थानों पर दृश्य-श्रव्य माध्यमों से बिना पूर्व प्रमाणन के कोई भी राजनीतिक विज्ञापन प्रसारित नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रिंट मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों के लिए पूर्व प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन प्रकाशित विज्ञापनों और समाचारों पर समिति की नजर रहेगी।
इस प्रकार, चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति की भूमिका अहम हो गई है।
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