चुनाव में नामांकन के लिए ऋण चुकता करने का निर्देश, कलेक्टर ने जारी किए आदेश
कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से दिए गए ऋण की किश्त समय पर जमा न करने वाले लगभग 735 बकायादार हितग्राही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं। कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने निर्देश दिया है कि ऐसे बकायादारों को चुनाव लड़ने से पूर्व विभाग में बकाया ऋण राशि जमा कर ऋण मुक्त प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा।
राष्ट्रीय निगम की योजनाओं के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, सफाई कामगार और अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों को कम ब्याज दर पर ऋण देकर स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया। परंतु, इन ऋणधारकों में से कई ने पर्याप्त आय अर्जित करने के बावजूद ऋण की अदायगी में रुचि नहीं दिखाई।
जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के अनुसार, 6.97 करोड़ रुपये की बकाया राशि के साथ 735 हितग्राही अब भी कर्जदार हैं। इन हितग्राहियों को पंचायत व नगरीय निकाय चुनावों में पंच, सरपंच, पार्षद, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और अन्य पदों पर नामांकन दाखिल करने के लिए ऋण मुक्त प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
कलेक्टर के सख्त निर्देश
कलेक्टर श्री वसंत ने सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश दिया है कि चुनावी नामांकन प्रक्रिया के दौरान ऐसे बकायादारों के नामों का सत्यापन किया जाए।
बकाया राशि जमा करने और प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही नामांकन स्वीकार करें।
ऋण न चुकाने वालों को चुनावी प्रक्रिया में शामिल न होने दिया जाए।
बकायादारों से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपनी बकाया राशि चुकता करें ताकि चुनावी प्रक्रिया में शामिल हो सकें। यदि तय समय तक ऋण अदायगी नहीं होती है, तो ऐसे हितग्राही चुनाव से वंचित हो जाएंगे।
छत्तीसगढ़ शासन की गारंटी पर राष्ट्रीय निगम की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए गए ऋण ब्याज समेत वापस करना अनिवार्य है। यह कदम न केवल सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में अन्य पात्र हितग्राहियों के लिए भी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा।
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