कोरबा (पब्लिक फोरम)। टीबी मुक्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक के लक्ष्य को पूरा करने के उद्देश्य से कोरबा जिले में निक्षय निरामय 100 दिवसीय पहचान एवं उपचार अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 7 दिसंबर 2024 से 24 मार्च 2025 तक जारी रहेगा, जिसका उद्देश्य टीबी और अन्य गंभीर बीमारियों की पहचान और उनके उपचार को सुनिश्चित करना है।
इस अभियान के अंतर्गत:
टीबी के शंकास्पद मरीजों की खोज।
उच्च जोखिम समूहों का चिन्हांकन।
कुष्ठ रोग से ग्रसित संभावित मरीजों की पहचान।
वयोवृद्धों की स्वास्थ्य प्रोफाइल तैयार करना।
निजी नर्सिंग होम संचालकों की महत्वपूर्ण भूमिका
अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जिले के निजी नर्सिंग होम संचालकों को विशेष दिशा-निर्देश दिए गए।
सीएमएचओ ने बताया कि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और मधुमेह, कैंसर, लीवर संबंधी रोगों से पीड़ित मरीजों की टीबी स्क्रीनिंग करेंगी। इस डेटा को निक्षय निरामय पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
निःशुल्क सेवाएं और रिपोर्टिंग पर जोर
नर्सिंग होम संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे:
1. अपने अस्पताल में आने वाले संभावित टीबी मरीजों और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों का निःशुल्क एक्सरे उपलब्ध कराएं।
2. संक्रमित मरीजों की जानकारी का व्यवस्थित रिकॉर्ड तैयार कर जिला कार्यालय को समय पर रिपोर्ट भेजें।
टीबी मुक्त भारत की ओर कदम
यह अभियान स्वास्थ्य सेवाओं को हर घर तक पहुंचाने का प्रयास है। कलेक्टर श्री अजीत वसंत और सीएमएचओ के मार्गदर्शन में चल रहे इस अभियान से न केवल टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार सुनिश्चित होगा, बल्कि समाज को एक स्वस्थ भविष्य की दिशा में अग्रसर करने में मदद मिलेगी।
“निक्षय निरामय अभियान” को हर नागरिक का सहयोग इसे और प्रभावी बना सकता है। आइए, मिलकर टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करें!
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