रविवार, फ़रवरी 23, 2025
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फ्लोरामैक्स ठगी से पीड़ित महिलाओं का संघर्ष: कर्ज माफी के लिए धरना, मंत्री के असंवेदनशील बयानबाजी पर महिलाओं में आक्रोश!

ठगी की शिकार महिलाओं ने मंत्री से मांगी मदद, मिला कठोर जवाब।

कोरबा (पब्लिक फोरम)। फ्लोरामैक्स कंपनी द्वारा ठगी का शिकार हुईं सैकड़ों महिलाएं कोरबा में अपने कर्ज माफ करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। इन महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के राज्य मंत्री रामविचार नेताम से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखीं और कर्ज माफ करने की गुहार लगाई। मंत्री ने उनकी मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ नहीं हुआ, तो आपका भी नहीं होगा।”

मंत्री का दो टूक बयान: कर्ज माफी संभव नहीं!

मंत्री रामविचार नेताम ने स्पष्ट किया कि कर्ज माफी का कोई सरकारी प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा, “किसी भी पीड़ित महिला का कर्ज माफ नहीं किया जाएगा। शासन ने किसी को कर्ज लेने को नहीं कहा था।” हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि ठगी के आरोपी जेल में हैं और उनकी संपत्ति कुर्क कर महिलाओं को राहत दिलाने की प्रक्रिया जारी है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं पर दबाव और संवेदनशीलता की कमी

धरना स्थल पर प्रशासन ने महिलाओं को आंदोलन समाप्त करने का दबाव बनाया। इस दौरान मंत्री लखन देवांगन के बयान ने आग में घी डालने का काम किया। उन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं को “उठाकर फेंकवा देने” और “पुलिस से हटवाने” की बात कह दी। महिलाओं का कहना है कि ऐसे संवेदनहीन बयानों ने उनकी पीड़ा को और बढ़ा दिया है।

कर्ज माफी की विडंबना: अमीरों का कर्ज माफ, गरीबों पर बोझ बढ़ा

यह विडंबना है कि देश में बड़े उद्योगपतियों का करोड़ों रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाता है, लेकिन गरीब किसानों और ठगी की शिकार महिलाओं को न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। महिलाओं का सवाल है, “जब अमीरों का कर्ज माफ हो सकता है, तो गरीबों के लिए यह नियम क्यों नहीं लागू होता?”

नेताओं के रवैये पर सवाल

मंत्री देवांगन के बयान को असंवेदनशील और घोर अमानवीय करार देते हुए प्रदर्शनकारी महिलाओं ने इसे अपने आत्मसम्मान पर हमला बताया। प्रदर्शन में शामिल एक महिला ने कहा, “हमने अपने वोट से इन्हें चुना था, लेकिन आज यही नेता हमें अपने अधिकार के लिए आंदोलन करने पर धमकी दे रहे हैं।”

समाज के लिए सीख!

यह घटना आमजनता को एक बड़ी सीख देती है। नेताओं को आंख मूंदकर मसीहा मानने की आदत पर सवाल उठते हैं। ठगी का शिकार होने के बाद भी यदि न्याय पाने के लिए संघर्ष करना पड़े और ऊपर से जनप्रतिनिधियों से असंवेदनशीलता झेलनी पड़े, तो यह लोकतंत्र की विफलता को उजागर करता है।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार से अपील की है कि वे ठगी के मामलों पर सख्त कदम उठाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीतियां बनाए।

फ्लोरामैक्स कंपनी द्वारा ठगी का मामला सिर्फ एक आर्थिक समस्या नहीं, बल्कि शासन और प्र

शासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। जनप्रतिनिधियों को जनता के प्रति संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व दिखाने की जरूरत है। साथ ही, जनता को भी अपने अधिकारों के लिए सतर्क और जागरूक होना होगा।

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