कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जनपद के ग्राम पंचायत चाकामार में महिला सरपंच रामेश्वरी मंझवार ने विकास की नई दिशा दी है। एक गृहिणी और सरपंच की दोहरी जिम्मेदारी निभाते हुए उन्होंने गांव के दशकों पुराने अधूरे कार्यों को पूरा कर गांव की सूरत बदल दी है।
सुबह घरेलू कार्यों को निपटाने के बाद, रामेश्वरी मंझवार हर दिन पंचायत कार्यालय में बैठती हैं। वहां वह ग्रामीणों की समस्याएं सुनती हैं और खुद निर्माण स्थलों पर जाकर काम का निरीक्षण करती हैं। उनके प्रयासों से पंचायत के हजारों निवासियों को मूलभूत सुविधाएं मिली हैं और गांव का कायाकल्प हुआ है।
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बदहाल सड़कों की जगह सीसी रोड
रामेश्वरी मंझवार के नेतृत्व में गांव में खनिज न्यास मद और अन्य विकास योजनाओं के तहत सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का सुधार किया गया है।
नवापारा मोहल्ले में 10 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड बनवाई गई।
गेरवानीपारा मोहल्ले में मुख्यमंत्री घोषणा मद से 12 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड तैयार हुआ।
हाथीमुड़ में खनिज न्यास मद से 12 लाख रुपए की लागत से स्कूल में बाउंड्रीवाल बनी।
कोन्हापारा में जनपद विकास निधि से 11 लाख रुपए खर्च कर देवस्थल में बाउंड्रीवाल बनाई गई।
ये सभी कार्य लंबे समय से अधूरे पड़े थे, जिन्हें रामेश्वरी मंझवार ने प्राथमिकता देकर पूरा कराया।
स्वच्छता और शिक्षा पर विशेष जोर
गांव में स्वच्छता और शिक्षा को बढ़ावा देना सरपंच की प्राथमिकता रही है। बेघरों के लिए मकान और गरीब परिवारों में शौचालय निर्माण जैसे काम उनकी प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं।
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विकास के माहौल ने बदल दी धारणा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सरपंच का पद महिला के लिए आरक्षित होने पर कई लोगों ने आशंका जताई थी कि विकास कार्य ठप हो जाएंगे। लेकिन रामेश्वरी मंझवार ने इन धारणाओं को गलत साबित करते हुए गांव में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। उनकी कार्यशैली के कारण विरोधी भी उनके समर्थक बन गए हैं।
सरपंच बनने के बाद रामेश्वरी मंझवार ने न केवल समस्याओं का समाधान किया, बल्कि गांव में विकास का माहौल बनाया। अब ग्रामीण बेहतर सड़कों, स्वच्छ वातावरण और बुनियादी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं।
रामेश्वरी मंझवार का नेतृत्व दिखाता है कि अगर निष्ठा और ईमानदारी से काम किया जाए, तो बदलाव निश्चित है। उनके प्रयासों ने ग्राम पंचायत चाकामार को एक आदर्श पंचायत में बदलने की दिशा में मजबूत कदम उठाया है।
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