रायपुर (पब्लिक फोरम)। पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में आज इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज़ (ICCS) के रायपुर चैप्टर द्वारा पहला सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व की इंडिजेनस (मूल निवासी) संस्कृतियों का गहन अध्ययन और उनके प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहन देना था।
1997 में नागपुर में स्थापित ICCS एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है, जिसमें 40 से अधिक देशों की सक्रिय भागीदारी है। इस पहल का नेतृत्व भारत ने किया है। संस्था का उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों की विरासत, परंपराओं और विचारधाराओं को सहेजना और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है।
सेमिनार के मुख्य वक्ता, प्रो. एल. एस. गजपाल ने तिब्बती संस्कृति की अनूठी विशेषताओं पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि तिब्बत की परंपराएं विश्व संस्कृति में एक अनमोल योगदान देती हैं। इस आयोजन में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर और पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स, पीएचडी स्कॉलर्स और बी.एड. के छात्रों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान वनवासी कल्याण आश्रम के प्रतिनिधि श्री राजीव शर्मा ने ICCS की गतिविधियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्था का लक्ष्य न केवल संस्कृतियों के संरक्षण का है, बल्कि उनका आधुनिक संदर्भों में पुनर्प्रासंगिकता भी सुनिश्चित करना है।
संस्कृति और मानवता का सेतु
इस सेमिनार ने यह दिखाया कि मूल निवासी संस्कृतियां, जो कभी उपेक्षित थीं, अब वैश्विक संवाद का हिस्सा बन रही हैं। यह आयोजन भविष्य में ऐसी और चर्चाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
यह कार्यक्रम न केवल भारतीय परंपराओं को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि विश्व की विविधता को समझने और उसका सम्मान करने का संदेश भी देता है।
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