कोरबा (पब्लिक फोरम)। जिला पंचायत सभागार में हाल ही में हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट फेस-2, छत्तीसगढ़ के तहत जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दिनेश कुमार नाग उपस्थित रहे। आयोजन का संचालन कर्मदक्ष संस्था द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य शासकीय विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूत बनाना था।
प्रोजेक्ट का उद्देश्य और भूमिका
हाई इंपैक्ट मेगा वाटरशेड प्रोजेक्ट फेस-2 के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में जल, जंगल और मृदा संरक्षण के माध्यम से आजीविका के साधनों को बढ़ावा देना प्रमुख लक्ष्य है। यह परियोजना मनरेगा के तहत किए जाने वाले कार्यों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करती है।
कार्यशाला में बताया गया कि:
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
महिला मेट और रोजगार सहायिका को सशक्त किया जाएगा।
महिला उत्पादक समूह और कृषि क्लस्टर के माध्यम से उत्पादों को बाजार से जोड़ा जाएगा।
इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के साथ विस्तृत कार्य योजना पर चर्चा की गई। विभागीय योजनाओं को मनरेगा के साथ अभिसरण करने की संभावनाओं पर विचार किया गया। उद्यानिकी विभाग ने बताया कि 1.25 से 5 एकड़ तक भूमि में वृक्षारोपण की योजना तैयार की जा सकती है।
कार्यशाला में निम्न अधिकारी उपस्थित रहे:
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी
वन परिक्षेत्र अधिकारी
अनुविभागीय अधिकारी, वन विभाग कोरबा/कटघोरा
कार्यपालन अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा
उपसंचालक, कृषि विभाग
सहायक संचालक, उद्यानिकी विभाग
डीपीएम, एनआरएलएम
कार्यक्रम अधिकारी, क्रेडा
सहायक परियोजना अधिकारी, जिला पंचायत
संस्था की भूमिका और योगदान
कर्मदक्ष संस्था इस परियोजना में तकनीकी मार्गदर्शन के साथ-साथ महिलाओं को सशक्त करने, उत्पादक समूह बनाने और बाजार से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रही है। यह संस्था मनरेगा और अन्य योजनाओं के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और ग्रामीण विकास को एक नई दिशा दे रही है।
इस कार्यशाला ने सभी संबंधित विभागों को एक साझा मंच प्रदान किया, जिससे समन्वय और योजना निर्माण में सुधार होगा। ग्रामीण विकास और जल संरक्षण के क्षेत्र में यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।
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