छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग की अभिनव योजना से बच्चों को मिल रहा पोषण और सामाजिक सहयोग का अनमोल अनुभव
रायगढ़ (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत ‘न्यौता भोज’ की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को पोषण के साथ-साथ सामुदायिक जुड़ाव का अवसर प्रदान करना है। न्यौता भोज के माध्यम से छात्रों को अतिरिक्त पोषण उपलब्ध कराने के साथ-साथ समुदाय के सहयोग और सहभागिता को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
क्या है न्यौता भोज की विशेषता?
‘न्यौता भोज’ की अवधारणा भोजन दान को महादान के रूप में प्रचारित करने की है। यह योजना बच्चों को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ समुदाय को शिक्षा और पोषण में योगदान देने के लिए प्रेरित करती है। योजना के तहत त्योहार, जन्मदिन, विवाह, और राष्ट्रीय पर्व जैसे अवसरों पर स्थानीय समुदाय और शिक्षकों की भागीदारी से विद्यालयों में भोजन का आयोजन किया जाता है।
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कितने बच्चों ने उठाया लाभ?
जून से अक्टूबर 2024तक, रायगढ़ जिले के 2605 स्कूलों में 92,390 बच्चों को न्यौता भोज का लाभ मिला है। यह भोज तीन प्रकार के हैं:
1. पूर्ण भोजन: इसमें सभी बच्चों को नियमित मध्यान्ह भोजन से अधिक पौष्टिक सामग्री दी जाती है।
2. आंशिक पूर्ण भोजन: इसमें किसी एक विशेष कक्षा के लिए पूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
3. अतिरिक्त पोषण सामग्री: मध्यान्ह भोजन के साथ फल, मिठाई, हलवा, या बिस्कुट जैसे अतिरिक्त पोषण तत्व दिए जाते हैं।
कलेक्टर की पहल से बढ़ा पोषण स्तर
रायगढ़ जिले के कलेक्टर कार्तिकेया गोयलने 2 अगस्त 2024 को जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान स्कूलों के मध्यान्ह भोजन में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके तहत सभी विद्यालयों को दाल के साथ मुनगा भाजी (ड्रमस्टिक पत्तियां) अनिवार्य रूप से शामिल करने को कहा गया। इससे बच्चों को बेहतर पोषण और स्वाद दोनों मिल रहे हैं।
दानदाताओं से जिला प्रशासन की अपील
न्यौता भोज को और अधिक सफल बनाने के लिए रायगढ़ जिला प्रशासन ने समाज के दानदाताओं से अपील की है कि वे अपने और अपने परिवार के विशेष अवसरों पर स्कूलों के बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान करें। दानदाता अपने क्षेत्र के विद्यालय के प्रधान पाठक, सीएसी, बीआरसी, बीईओ या जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सहयोग दे सकते हैं।
यह पहल न केवल बच्चों को अतिरिक्त पोषण प्रदान करती है बल्कि समाज में सहयोग और दान की परंपरा को भी सशक्त बनाती है। ‘न्यौता भोज’ के माध्यम से बच्चों को सामुदायिक सहभागिता का अनुभव मिलता है, जिससे उनमें सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास होता है।
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