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शनिवार, जुलाई 5, 2025
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संविधान: शोषितों और वंचितों के अधिकारों का संरक्षक -नंदी

कांकेर (पब्लिक फोरम)। संविधान ने शोषित, पीड़ित और वंचित तबकों को उनके अधिकार प्रदान किए हैं। यह विचार क्रांतिकारी विचार मंच द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित “एक वैचारिक संवाद” में मुख्य वक्ता के रूप में वामपंथी विचारक सुखरंजन नंदी ने व्यक्त किए।

श्री नंदी ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले इंग्लैंड में बनाए गए कानून भारत में लागू होते थे। उस समय देश में 500 से अधिक रियासतें थीं और कोई केंद्रीय संविधान नहीं था। स्वतंत्रता के बाद सभी रियासतों को भारत में शामिल करने और देश के संचालन के लिए एक व्यापक नियमावली की आवश्यकता हुई, जिससे संविधान का निर्माण हुआ।
उन्होंने बताया कि दुनिया भर में संविधान निर्माण का इतिहास पूंजीवादी उत्पादन प्रणाली के संचालन से जुड़ा है। फ्रांस की क्रांति के बाद नेपोलियन द्वारा बनाए गए संविधान के 2000 अनुच्छेदों में मात्र 8 अनुच्छेद श्रमिकों के लिए थे। इसी तरह इंग्लैंड में संविधान लागू होने के लगभग 200 वर्षों बाद महिलाओं को मताधिकार मिला।

भारत का संविधान: संघर्ष और समर्पण का परिणाम
सुखरंजन नंदी ने भारत के संविधान निर्माण को वैचारिक संघर्ष का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और संघीय ढांचे जैसे मूल मंत्रों का कुछ प्रतिक्रियावादी तत्वों ने विरोध किया था। लेकिन संविधान ने इन मूल्यों को स्थापित किया और उसकी प्रस्तावना को दिशा-निर्देशक बनाया।
उन्होंने नई पीढ़ी को संविधान की रक्षा करने का आह्वान किया, ताकि आधुनिक और प्रगतिशील भारत की परिकल्पना साकार हो सके।

संविधान दिवस पर विशेष आयोजन
संविधान दिवस के अवसर पर क्रांतिकारी विचार मंच, पखांजूर ने शहीद गैंद सिंह भवन में स्कूली छात्रों के लिए “एक वैचारिक संवाद” का आयोजन किया। इसमें 10 स्कूलों के 63 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता के विषय थे:
1. शहीद भगत सिंह के क्रांतिकारी विचार।
2. संविधान में बाबा साहेब अंबेडकर का योगदान।
3. नागरिकों के मौलिक कर्तव्य।
4. संविधान में निहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण।

कार्यक्रम का शुभारंभ संविधान की प्रति, बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर और मोमबत्ती जलाकर किया गया। मंच संचालन अशोक उवर्सा और कृष्णपाल राणा ने किया। निर्णायक मंडल में योगेश जुर्री, डॉ. जोझन लो और मुकेश जांगड़े शामिल थे।

प्रतियोगिता में लाइफ एकेडमी स्कूल की संजना चक्रवर्ती, सोनाली समद्दार और आत्मानंद स्कूल हरनगढ़ की तिथि ब्रह्मचारी, स्नेहा बड़ाई को शहीद भगत सिंह अवार्ड दिया गया। वहीं, आराधना कॉन्वेंट स्कूल और आत्मानंद स्कूल के छात्रों को डॉ.अंबेडकर अवार्ड से सम्मानित किया गया। सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में क्रांतिकारी विचार मंच के अध्यक्ष हरपाल सिंह, उपाध्यक्ष आरिफ कुरैशी, सचिव महेश्वर शर्मा और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।

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