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बुधवार, फ़रवरी 5, 2025
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संविधान: हमारी गरिमा और अधिकारों का आधार -प्रधान जिला न्यायाधीश

कोरबा (पब्लिक फोरम)। संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोरबा ने शासकीय ई.व्ही. पी.जी. महाविद्यालय में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संविधान की भूमिका, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य पर चर्चा की गई।
मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सत्येन्द्र कुमार साहू ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि आज हमारे संविधान के कारण समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं और कमजोर तबकों, को शिक्षा और समान अवसर प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “संविधान केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि एक ऐसा मार्गदर्शक है जो हर नागरिक को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गरिमा से जीने का अधिकार देता है।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब हम किसी दुखी व्यक्ति को देखते हैं, तो हमें तकलीफ होती है, क्योंकि मानवता की भावना हमें जोड़ती है। उन्होंने सभी को संविधान द्वारा प्रदत्त योजनाओं और अधिकारों का लाभ उठाने का आह्वान किया।

संविधान: अधिकार और कर्तव्य का संतुलन
विशेष न्यायाधीश श्री जयदीप गर्ग ने कहा कि 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को स्वीकृति दी गई और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। उन्होंने बताया कि संविधान न केवल अधिकार देता है बल्कि नागरिकों के कर्तव्यों को भी परिभाषित करता है। उन्होंने कहा, “अधिकार और कर्तव्य एक सिक्के के दो पहलू हैं। यदि कोई कानून संविधान के अनुरूप नहीं है, तो न्यायपालिका उसे निरस्त कर देती है।”

कानून की समानता और न्याय का महत्व
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कु. डिंपल ने संविधान की प्रस्तावना को संविधान का सार बताया। उन्होंने कहा, “कानून गरीब और अमीर में भेद नहीं करता। यह सभी के लिए समान है।” उन्होंने यह भी कहा कि समाज की बदलती परिस्थितियों के अनुसार संविधान में संशोधन किए जाते हैं।

नगर निगम आयुक्त श्री आशुतोष पांडेय ने कहा, “न्याय का एक घंटा प्रार्थना के 70 घंटे से अधिक मूल्यवान है। यह हमारी न्याय प्रणाली की महत्ता को दर्शाता है।” उन्होंने बताया कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा और सबसे व्यापक संविधान है, जिसमें विभिन्न देशों के श्रेष्ठ तत्वों को शामिल किया गया है।इस अवसर पर प्राचार्य श्री आर.बी. शर्मा ने मुख्य अतिथियों और विशिष्ट अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

इस अवसर पर प्राचार्य श्री आर.बी. शर्मा ने मुख्य अतिथियों और विशिष्ट अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम के अंत में संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।

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