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छठ पूजा का महापर्व: खरसिया में भक्तों का उमड़ा सैलाब, 5 नवंबर से शुरू होगा नहाय-खाय, 8 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य!

खरसिया (पब्लिक फोरम)। खरसिया में इस वर्ष छठ पूजा का महापर्व धूमधाम से मनाने की तैयारियाँ जोरों पर हैं। श्रद्धा और आस्था का यह पर्व 5 नवंबर 2024 को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। इस पावन अवसर पर भक्तों के लिए पूरे चार दिनों का आयोजन किया गया है, जिसमें विशेष पूजा-अर्चना, प्रसाद वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।
6 नवंबर को छठ पूजा के दूसरे दिन ‘खरना’ की परंपरा निभाई जाएगी। इस दिन भक्त उपवास रखते हुए अपनी शुद्ध आस्था का परिचय देंगे और संध्या समय प्रसाद ग्रहण करेंगे। छठ पूजा के तीसरे दिन, 7 नवंबर को, शाम 5 बजे भक्तगण खरसिया के भगत तालाब स्थित मुख्य शिव मंदिर घाट पर एकत्रित होंगे, जहाँ अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। तालाब के किनारे जुटे भक्तों की आस्था और श्रद्धा का अनोखा दृश्य सभी को प्रभावित करेगा।

अंतिम दिन, 8 नवंबर को, उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर छठ पूजा का समापन होगा। उषा की प्रथम किरण के साथ ही श्रद्धालु भगत तालाब के जल में खड़े होकर भगवान सूर्य की आराधना करेंगे, जिससे न केवल उनकी आस्था प्रकट होगी बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होगा। इसी दिन छठ माता का महाप्रसाद भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा, जिसमें सभी को सादर आमंत्रित किया गया है।

छठ पूजा का यह आयोजन खरसिया के स्थानीय शिव मंदिर मुख्य घाट पर सम्पन्न होगा। इस महापर्व के दौरान भक्तगण सूर्य देवता और छठ माई की उपासना करते हुए अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करेंगे। स्थानीय समाजसेवी और प्रशासनिक अधिकारी भी इस पर्व की व्यवस्थाओं में शामिल हैं, ताकि सभी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुचारू माहौल तैयार किया जा सके।
छठ पर्व के चार दिनों में नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और प्रातः अर्घ्य की विशेष परंपराएँ निभाई जाती हैं, जो इस पर्व को और भी पवित्र और मंगलमय बनाती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है।
(राघवेंद्र वैष्णव)

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