नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में भारत को एक नई दिशा देने के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने वैश्विक एआई कंपनी एनविडिया के साथ एक ऐतिहासिक करार किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य देश में एआई का बुनियादी ढांचा तैयार करना और इसे आम भारतीयों तक पहुंचाना है। एनविडिया के फाउंडर और सीईओ जेनसन हुआंग ने कहा कि यह साझेदारी भारत को एआई के क्षेत्र में अग्रणी देश बनाने के लक्ष्य को साकार करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगी।
मुकेश अंबानी का विजन और भारत के बड़े सपने
मुकेश अंबानी का मानना है कि भारत अब डिजिटल क्रांति के एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, “एआई का लाभ सभी भारतीयों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह तकनीक किफायती दामों पर उपलब्ध हो ताकि हर भारतीय इसे अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर पर इस्तेमाल कर सके।” अंबानी का सपना है कि एआई की इस क्रांति से हर भारतीय को सशक्त बनाया जा सके और यह ज्ञान समाज की समृद्धि के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त करे।
भारत के आईटी क्षेत्र की सराहना
एनविडिया के सीईओ जेनसन हुआंग ने भारत के आईटी क्षेत्र की अपार क्षमता की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत में कंप्यूटर साइंस और आईटी के क्षेत्र में इतने कुशल लोग हैं जो दुनियाभर में दुर्लभ हैं। यह एक अद्वितीय अवसर है कि भारत में एआई क्रांति को एक नई ऊंचाई दी जा सकती है। मैं मुकेश अंबानी के साथ इस साझेदारी में शामिल होकर गर्व महसूस कर रहा हूं।” हुआंग ने भारत के कंप्यूटर इंजीनियरों और बड़ी जनसंख्या को एक अद्वितीय शक्ति बताया, जो इस एआई क्रांति को संभव बना सकते हैं।
भारत में एआई को सुलभ और सस्ती बनाने का संकल्प
अंबानी और हुआंग की बातचीत में इस बात पर जोर दिया गया कि एआई तकनीक को सिर्फ चुनिंदा लोगों तक सीमित न रखते हुए इसे हर वर्ग के लोगों तक पहुंचाया जाए। अंबानी ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि एआई तकनीक को हर व्यक्ति की पहुंच में लाया जाए और इसके लिए इसे सस्ती कीमतों में उपलब्ध कराना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि नई तकनीक को हर भारतीय की पहुंच में लाएं और इसके माध्यम से उनके जीवन को सरल और समृद्ध बनाएं।”
एआई के माध्यम से ज्ञान क्रांति का लक्ष्य
मुकेश अंबानी ने एआई को ज्ञान क्रांति के रूप में देखते हुए कहा कि इसके माध्यम से वैश्विक समृद्धि का रास्ता खुलता है। उनके अनुसार, भारत में युवाओं की भारी आबादी और डिजिटल समाज में तेजी से हो रहे बदलाव के चलते यह देश एआई क्रांति का केंद्र बन सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल इंडिया की पहल ने इस दिशा में एक मजबूत नींव रखी है।
इस साझेदारी के माध्यम से भारत में एआई इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, जिससे देश को डिजिटल युग में नई ऊंचाई मिलेगी और इसे तकनीकी क्षेत्र में एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाया जा सकेगा।
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