सजग कोरबा! सतर्क कोरबा!
कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कोरबा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेहा वर्मा के निर्देशन में ‘अभिव्यक्ति’ महिला सुरक्षा ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 25 सितंबर, बुधवार को बालको में स्थित स्कील स्कूल में छात्राओं को इस ऐप की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई।
महिला सहायक उप निरीक्षक नीलम केरकेट्टा ने छात्राओं को बताया कि ‘अभिव्यक्ति’ ऐप के जरिए महिलाओं को आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिलेगी और वे अपनी शिकायतें सीधे पुलिस को दर्ज करवा सकेंगी। इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब महिलाओं को किसी समस्या के समाधान के लिए थाने जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही, महिलाएं अपनी सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ी सुझाव भी पुलिस विभाग तक आसानी से पहुंचा सकेंगी।
इस ऐप का उपयोग करने के लिए महिलाओं को इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर अपने मोबाइल नंबर से साइन इन करना होगा। ओटीपी वेरिफिकेशन और केवाईसी अपडेट करने के बाद, महिलाएं इस ऐप के जरिए बलात्कार, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, मारपीट, टोनही प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, अपहरण, मानव तस्करी, एसिड अटैक, नाबालिगों के साथ लैंगिक उत्पीड़न, कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, साइबर अपराध जैसे मामलों की शिकायतें दर्ज करवा सकती हैं।
इस कार्यक्रम में स्कील स्कूल की लगभग 70 से 80 छात्राएं उपस्थित थीं। इस दौरान, महिला सहायता एवं परिवार परामर्श केंद्र की टीम, जिसमें महिला सहायक उप निरीक्षक नीलम केरकेट्टा, महिला आरक्षक प्रतिभा राय, अनुसूइया भानु, बिंदेश्वरी साहू एवं अभिव्यक्ति टीम के अन्य सदस्य शामिल थे, ने छात्राओं को इस ऐप की उपयोगिता और इसके महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
‘अभिव्यक्ति’ महिला सुरक्षा ऐप महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है। महिलाओं को अपनी शिकायतें दर्ज करवाने के लिए थाने जाने की बाध्यता समाप्त करने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उन्हें भयमुक्त होकर अपनी समस्याओं को व्यक्त करने का साहस भी मिलेगा। यह कदम महिलाओं की सुरक्षा को एक नया आयाम देता है, जिससे वे अपनी समस्याओं और सुझावों को सीधे पुलिस तक पहुंचा सकेंगी।
इस ऐप का प्रचार-प्रसार और जागरूकता अभियान अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां महिलाएं अभी भी अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक नहीं हैं। पुलिस विभाग द्वारा इस तरह के प्रयास महिलाओं के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ अपराधों की रोकथाम में भी सहायक सिद्ध होंगे।
वहीं, कानूनी दृष्टिकोण से देखा जाए तो इस ऐप के जरिए महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने का यह प्रयास एक सकारात्मक कदम है। हालांकि, यह भी जरूरी है कि पुलिस विभाग इस ऐप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का त्वरित और निष्पक्ष समाधान करे, ताकि इस ऐप की विश्वसनीयता बनी रहे और महिलाओं का विश्वास इस पर कायम हो।
इस पहल का सफलता पर निर्भर करना इस बात पर भी है कि इसे जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है और इसे लेकर महिलाओं के बीच कितनी जागरूकता फैलती है। कुल मिलाकर, यह ऐप महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है।
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