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गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
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छत्तीसगढ़ की सरस्वती सायकल योजना: छात्राओं की शिक्षा में नई रफ़्तार, आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम -पार्षद नरेंद्र देवांगन

कोरबा (पब्लिक फोरम)। छत्तीसगढ़ शासन की ‘सरस्वती सायकल योजना’ ने प्रदेश की छात्राओं की शिक्षा यात्रा को नई दिशा और रफ़्तार दी है। इस योजना के अंतर्गत, दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली छात्राओं को मुफ्त साइकिलें उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे वे आसानी से स्कूल जा सकें और अपनी शिक्षा को निरंतर जारी रख सकें।
बुधवार को विकासखंड कोरबा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक साडा कन्या विद्यालय में 100 छात्राओं को इस योजना के तहत साइकिलें वितरित की गईं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन ने शिरकत की। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “सरस्वती सायकल योजना का उद्देश्य न केवल छात्राओं को स्कूल तक पहुँचने में सुविधा प्रदान करना है, बल्कि उनकी शिक्षा में निरंतरता और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देना है।”

योजना के सकारात्मक प्रभाव
सरस्वती सायकल योजना ने छात्राओं के जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं। अब वे न केवल स्कूल जाने के लिए उत्साहित हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रही हैं। यह योजना उनके आत्मविश्वास को संबल दे रही है और उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित कर रही है। शासन द्वारा अब तक लाखों छात्राओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है, जिससे राज्य में छात्राओं की स्कूल उपस्थिति में भी बढ़ोतरी हुई है।

यह योजना सामाजिक और शैक्षिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां परिवहन की सुविधा सीमित होती है, वहां यह योजना छात्राओं के लिए शिक्षा तक पहुंच को सरल और सुरक्षित बनाती है। इस पहल से न केवल उनकी शिक्षा में बाधाएं कम हुई हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बढ़ रही हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि योजना का क्रियान्वयन सभी ज़रूरतमंद छात्राओं तक पहुंचे और साइकिलों की गुणवत्ता भी ऐसी हो कि वे लंबे समय तक चल सकें।

समाज और प्रशासन की जिम्मेदारी
छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए इस प्रकार की योजनाएँ अत्यधिक सराहनीय हैं। प्रशासन और समाज का दायित्व है कि वे इस योजना की निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि इसका लाभ सही लाभार्थियों तक पहुँचे। साथ ही, स्कूलों में सुरक्षित माहौल प्रदान करना भी आवश्यक है ताकि छात्राएँ बिना किसी डर के अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें।

इस अवसर पर वार्ड पार्षद रितु चौरसिया, झकेंद्र देवांगन, पंकज देवांगन, मोनिका साहू, प्राचार्य रणधीर सिंह, एल. देवांगन, जयपाल सिंह कंवर समेत बड़ी संख्या में शिक्षक और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सरस्वती सायकल योजना केवल एक शैक्षिक पहल नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम भी है। यह योजना छात्राओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि इसे और प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जाए, तो छत्तीसगढ़ की छात्राएँ न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम स्थापित कर सकती हैं।

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