कोरबा (पब्लिक फोरम)। आकांक्षी जिला कोरबा में शिक्षकों के संलग्नीकरण को लेकर हाल ही में हसदेव एक्सप्रेस डॉट कॉम न्यूज़ पोर्टल पर प्रकाशित खबर को जिला शिक्षा अधिकारी ने सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने इस खबर को गलत, भ्रामक और तथ्यों से परे बताया है। शिक्षा अधिकारी ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों के संलग्नीकरण का उद्देश्य केवल उन विद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था को सुदृढ़ करना है, जहां शिक्षकों की कमी है।
शिक्षकों की व्यवस्था का कारण और प्रक्रिया
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि कोरबा जिले के एकल शिक्षकीय, शिक्षकविहीन और शिक्षकों की कमी वाले प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, अन्य शासकीय विद्यालयों के अतिशेष सहायक शिक्षकों को 88 प्राथमिक शालाओं और 18 माध्यमिक शालाओं में अस्थायी रूप से तैनात किया गया है। यह निर्णय संबंधित शिक्षकों की सहमति और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रस्ताव के आधार पर लिया गया है। इस तैनाती का मुख्य उद्देश्य इन विद्यालयों में शिक्षण कार्य को सुचारू बनाए रखना है।
शिक्षा अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे ही संबंधित विद्यालयों में नियमित पदस्थापनाएं हो जाएंगी, यह अस्थायी व्यवस्था स्वतः समाप्त हो जाएगी। साथ ही, अतिशेष शिक्षकों की वेतन व्यवस्था पूर्व की संस्था से ही की जा रही है, ताकि उनके कार्यों में कोई रुकावट न आए।
अध्यापन व्यवस्था और पारदर्शिता
विद्यालयों में अध्यापन व्यवस्था प्रभावित न हो, इसलिए शाला विकास समिति और पालकों की मांग के आधार पर प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम 2 और माध्यमिक शालाओं में न्यूनतम 3 शिक्षकों की व्यवस्था कलेक्टर के अनुमोदन के बाद की गई है। प्रत्येक शिक्षक का वेतन भुगतान तभी किया जाता है जब उनकी उपस्थिति और कार्य सत्यापित हो जाए, जिसमें संबंधित संस्था के प्रधान पाठक, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, ग्राम पंचायत सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर शामिल होते हैं।
खबर को लेकर शिक्षा विभाग का रुख
जिला शिक्षा अधिकारी ने हसदेव एक्सप्रेस की खबर को गलत बताते हुए कहा कि यह खबर बिना किसी आधार के और गलत नीयत से प्रकाशित की गई है। उन्होंने साफ किया कि शासन के आदेशों का पूर्णतः पालन किया जा रहा है और किसी भी तरह की गलतफहमी फैलाने का कोई कारण नहीं है।
यह स्पष्टीकरण शिक्षा विभाग की ओर से उन लोगों को जागरूक करने के लिए जारी किया गया है जो कि शिक्षकों की तैनाती को लेकर भ्रमित हो सकते हैं। शिक्षा अधिकारी ने अपील की है कि लोग किसी भी खबर को बिना जांचे-परखे विश्वास न करें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें।
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