कोरबा (पब्लिक फोरम)। ग्रामीण विकास को गति देने के लिए कोरबा जिले के जनपद पंचायत सदस्यों ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जनपद पंचायत सदस्य मोनिका भगत के नेतृत्व में, सभी जनपद सदस्यों ने कलेक्टर से अपने-अपने क्षेत्रों के लिए जिला खनिज न्यास संस्थान (डीएमएफ) निधि से 25-25 लाख रुपये की मांग की है।
मोनिका भगत ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा, “पूर्व में डीएमएफ निधि से विकास कार्यों को स्वीकृत कराने में जनपद सदस्यों और पंचायत प्रतिनिधियों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 25 लाख रुपये की स्वीकृति मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में चौमुखी विकास संभव होगा।”
इस पहल का महत्व समझाते हुए एक स्थानीय विकास विशेषज्ञ ने बताया, “डीएमएफ निधि का उद्देश्य खनन प्रभावित क्षेत्रों का समग्र विकास करना है। यह प्रस्ताव न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी संतुलित विकास सुनिश्चित करेगा।”
पूर्व में भी ग्रामीण विकास के लिए कुछ राशि निर्धारित की जाती थी, जिसका उपयोग मुख्यतः स्कूल और आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण और जीर्णोद्धार में किया जाता था। अब जनपद सदस्यों का मानना है कि इस नई पहल से ग्रामीण क्षेत्रों की बुनियादी सुविधाओं में व्यापक सुधार होगा।
एक अन्य जनपद सदस्य ने गुमनाम रहते हुए कहा, “यह प्रस्ताव ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में मददगार साबित होगा।”
यह प्रस्ताव अब कलेक्टर के विचाराधीन है। यदि स्वीकृत हो जाता है, तो यह कोरबा जिले के ग्रामीण परिदृश्य को बदलने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। स्थानीय नागरिकों में इस प्रस्ताव को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, और वे इसके परिणामों की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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