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गुरूवार, फ़रवरी 6, 2025
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उत्तर प्रदेश: आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग से मुलाकात कर प्रदेश की समस्याओं से अवगत कराया!

लखनऊ (पब्लिक फोरम)। उत्तर प्रदेश के आदिवासी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (भारत सरकार) के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य, सदस्य निरुपम चकमा, डॉ. आशा लकड़ा, और जतोथू हुसैन से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य प्रदेश में आदिवासी समुदायों के सामने आ रही विभिन्न समस्याओं से आयोग को अवगत कराना और उनका समाधान ढूंढना था।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला।

भूमि अधिकार: आदिवासी समुदायों को उनकी पैतृक भूमि पर कानूनी अधिकार दिलाना।
शिक्षा: आदिवासी बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
रोजगार: आदिवासी युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना।
  स्वास्थ्य: आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना।
आवास: आदिवासी समुदायों को पक्के आवास मुहैया कराना।
  सामाजिक न्याय: आदिवासी समुदायों के खिलाफ भेदभाव और अत्याचार को रोकना।

आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सभी चिंताओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और शीघ्र ही उचित समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग आदिवासी समुदायों के विकास और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है।
इस मुलाकात को आदिवासी समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह उम्मीद की जाती है कि आयोग द्वारा किए गए प्रयासों से प्रदेश में आदिवासी समुदायों की स्थिति में सुधार होगा।

इस बैठक में आदिवासी जीवन ज्योति फाउंडेशन के अध्यक्ष राम नाथ गोंड, विजय प्रभा गोंड, राम आसरे गोंड, ओम प्रकाश गोंड, और मनीष कुमार शाह  उपस्थित रहे।

यह मुलाकात उत्तर प्रदेश की जनजातियों के लिए एक आशा की किरण है। राष्ट्रीय आयोग द्वारा इन समस्याओं पर गंभीरता से विचार किए जाने की उम्मीद है। यह कदम न केवल जनजातियों के उत्थान में मदद करेगा, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास में भी योगदान देगा।
इस प्रकार के प्रयास जनजातियों को मुख्यधारा में लाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आने वाले समय में इस मुलाकात के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, जिससे उत्तर प्रदेश की जनजातियों का जीवन स्तर सुधरेगा।

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