कोरबा, एशिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादन वाले जिले को माइनिंग कॉलेज की सख्त जरूरत
कोरबा (पब्लिक फोरम)। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने कोरबा जिले के दीपका में माइनिंग कॉलेज की स्थापना की माँग को लेकर सांसद ज्योत्स्ना महंत और विधायक प्रेमचंद पटेल को पत्र लिखा है। इससे पहले कलेक्टर और मुख्यमंत्री को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा जा चुका है।
जिले के कोयला उत्पादन का महत्व
समिति के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि कोरबा जिले में एसईसीएल के अंतर्गत संचालित कोरबा कोलफील्ड्स, गेवरा, दीपका और कुसमुंडा क्षेत्र कोल इंडिया के सबसे बड़े कोयला उत्पादन वाले क्षेत्र हैं। पिछले 60 वर्षों से इस जिले से कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में एसईसीएल ने 167.01 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया, जिससे 33,321.84 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ और सरकारी खजाने में 14,450 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया। कोरबा कोलफील्ड्स ने कुल 135.27 मिलियन टन कोयला उत्पादन में योगदान दिया।
प्रभावित किसानों के अधिकार और सुविधाएं
कुलदीप ने बताया कि कोरबा जिले में 12 कोयला खदानें संचालित हैं, जिनके लिए हजारों किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई है। परंतु, इन किसानों और उनके परिवारों को अभी भी उनके वाजिब अधिकार और बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिल पा रही हैं। उच्च शिक्षा के अभाव के कारण कोरबा के विद्यार्थियों को अन्य जिलों या राज्यों में पलायन करना पड़ता है।
माइनिंग कॉलेज की आवश्यकता
कोरबा जिले में माइनिंग कॉलेज की स्थापना के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास निधि (DMF) से उचित क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। समिति का अनुरोध है कि जिले में माइनिंग कॉलेज की स्थापना की जाए और भूविस्थापित परिवारों के बच्चों को विशेष आरक्षण और मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाए। इससे कोरबा के बच्चों को माइनिंग क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे।
जनहित में कदम उठाने की माँग
श्री कुलदीप ने कहा कि कोरबा जिले में माइनिंग कॉलेज की माँग वर्षों पुरानी है। एशिया में सबसे ज्यादा कोयला उत्पादन के बावजूद यहाँ के निवासियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री, कलेक्टर और अन्य जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर पहले भी चर्चा की जा चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर जन आंदोलन शुरू किया जाएगा ताकि कोरबा वासियों को इसका लाभ मिल सके।
इस माँग के पूर्ण होने से कोरबा जिले के युवाओं को उच्च शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे जिले का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा।
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