कोरबा (पब्लिक फोरम)। कोरबा जिले में खनिज न्यास मद (डीएमएफ) से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले अब नए नहीं रहे। हालाँकि, इस बार की घटना ने सभी को चौंका दिया है। विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के दौरान, अधिकारियों ने स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए लगभग 22 करोड़ रुपये की सामग्री खरीदी की है। यह खरीद बिना टेंडर प्रक्रिया के की गई, जिससे नियमों का उल्लंघन स्पष्ट होता है।
इस मामले में पूर्व कलेक्टर और पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका संदिग्ध प्रतीत होती है। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से इस अनियमितता का खुलासा हुआ है। यदि इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच की जाए, तो आत्मानंद स्कूलों के नाम पर किए गए करोड़ों के गबन का पता चल सकता है।
क्या है घटनाक्रम?
– छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 9 अक्टूबर 2023 से आदर्श आचार संहिता लागू की गई थी।
– आचार संहिता से ठीक पहले, 5 अक्टूबर 2023 को, विभिन्न आत्मानंद स्कूलों के लिए सामग्री खरीदी की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
– कुल 21 करोड़ 94 लाख 37 हजार 238 रुपये की स्वीकृति दी गई, जिसमें से 6 करोड़ 78 लाख 84 हजार 833 रुपये पहली किस्त के रूप में जारी किए गए।
क्या है विवाद?
– आचार संहिता के दौरान इस तरह के कार्यों पर रोक होती है, फिर भी अधिकारियों ने करोड़ों की खरीदी की।
– मुंगेली में 95 लाख की बिना टेंडर खरीदी के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया था, लेकिन कोरबा के इस बड़े मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
अन्य मुद्दे:
– पहले भी आत्मानंद स्कूलों में लगभग 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था।
– इस मामले से जुड़ी फाइलें डीएमसी कार्यालय से गायब हो चुकी हैं।
– उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने जाँच का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
यह मामला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि यह कथित भ्रष्टाचार उनके कार्यकाल में हुआ था। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि अनियमितता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह देखना बाकी है कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
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