नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है। यह फैसला आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत एक मामले के संबंध में आया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि 77 वर्षीय पुरकायस्थ को जमानत बांड जमा करने की शर्त पर रिहा किया जाना चाहिए।
03 अक्टूबर, 2023 को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने करीब 80 पत्रकारों, योगदानकर्ताओं, स्वतंत्र पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर छापा मारकर पुरकायस्थ और न्यूज़क्लिक के प्रशासनिक प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था। चक्रवर्ती को इस वर्ष जनवरी में सरकारी गवाह बनने के बाद हाल ही में रिहा कर दिया गया।
न्यूज़क्लिक ने एक्स पर अपने फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, “स्वतंत्र मीडिया के लिए एक अच्छा दिन है।” उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा की गई जांच “हमारी स्वतंत्र पत्रकारिता” को निशाना बनाने का प्रयास था और उनके खिलाफ लगाए गए सभी “आरोप मनगढ़ंत और निराधार” थे।
इन आरोपों में यह भी शामिल था कि न्यूज़क्लिक को चीनी सरकार द्वारा ‘प्रोपगेंडा फैलाने’ के लिए वित्तपोषित किया जा रहा था। हालांकि, इन आरोपों के समर्थन में कोई सबूत नहीं था।
अदालत ने यह भी कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ क्योंकि पुरकायस्थ या उनके वकील को रिमांड आवेदन की प्रति नहीं दी गई थी। यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है कि भारत में असहमति की कवरेज करने वाले स्वतंत्र मीडिया संगठनों और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी पुष्टि देश के गिरते प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक से होती है।
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत न्यूज़क्लिक के संस्थापक की गिरफ्तारी अवैध: सुप्रीम कोर्ट
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