शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
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वोट देने से पहले सोचें: सही राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशी का चयन कैसे करें? -एआईपीएफ

रायपुर। ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (AIPF) छत्तीसगढ़ इकाई के पदाधिकारी बृजेंद्र तिवारी और एडवोकेट सोन सिंह झाली ने 2024 के लोकसभा के महत्वपूर्ण चुनाव में अपने क्षेत्र, समाज और देश के हालातों को संजीदगी के साथ ध्यान में रखते हुए अपने राजनीतिक अधिकार  का सही उपयोग करने के लिए आम मतदाताओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा है कि 2024 का लोकसभा चुनाव विभिन्न राजनीतिक खेमों के बीच नियमित चुनाव नहीं है, बल्कि दो विश्वदृष्टिकोणों और विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है – फासीवाद और लोकतंत्र के बीच।

हमारे देश की आजादी और भारत का संविधान एक दृढ़ निश्चय वाले स्वतंत्रता संग्राम का परिणाम था, जिसमें आम जनता ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनका सपना न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित सिद्धांतों और आदर्शों के साथ एक स्वतंत्र भारत का था।

देश में अट्ठारहवीं लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि, आखिर वो कौन सा पैमाना है, जिसके आधार पर आपको किसी राजनीतिक पार्टी या उसके उम्मीदवार को वोट करना चाहिए। तो चलिए इसके लिए हम आपको कुछ ऐसे सुझाव देते हैं, जिससे आपके लिए सही पार्टी व सही उम्मीदवार चुनने में आसानी हो।

हम आपसे अपील करते हैं कि आप उस पार्टी व उसके उम्मीदवार को वोट दें जो:

01. लोगों की आजीविका, भोजन और रिहायश की गारंटी करे।

02. शिक्षा के स्तर को सुधारे, वैज्ञानिक व रोजगारपरक शिक्षा को प्रोत्साहित करे और उच्च व तकनीकी शिक्षा के खर्च को कम कर आम आदमी की पहुंच की सीमा में रखे।

03. स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी नागरिकों तक पहुंचाए। सबके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक / सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करे।

04. देश में सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र को मजबूत करे, निजीकरण के नाम पर उनकी कारपोरेट लूट को रोके, प्राकृतिक संशाधनों की कारपोरेट लूट पर रोक लगाए। पर्यावरण और लोक जीवन के लिए विनाशकारी सभी बड़ी परियोजनाओं विशेषकर हसदेव क्षेत्र की खनन परियोजनाओं पर रोक लगाए।

05. देश की सबसे बड़ी आबादी की आजीविका का आधार खेती और किसानों की कारपोरेट लूट से सुरक्षा और समृद्धि की राह खोले। एम॰एस॰पी॰ गारंटी कानून बनाए, जन विरोधी बिजली बिल 2022 वापस करे, बटाईदार किसानों को किसान का दर्जा दे और खेत व ग्रामीण मजदूरों के रोजगार व सामाजिक सुरक्षा में बढ़ोतरी की गारंटी दे।

06. मजदूर विरोधी चार श्रम कोड की वापसी के साथ मजदूरों के सभी श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दे, सभी रिक्त सरकारी पदों को भरे, पुरानी पेंशन स्कीम को वापस लाए, न्यूनतम वेतन 26,000 रुपए तथा मनरेगा में 600 रुपए मजदूरी व 200 दिन के रोजगार की गारंटी करे।

07. देश की आमदनी और खर्च यानी देश के हिसाब-किताब को पारदर्शी बनाए। बड़ी कंपनियों पर कारपोरेट टैक्स बढाए और अमीरों पर संपत्ति टैक्स लगाकर महंगाई से राहत व देश और इसके नागरिकों के विदेशी कर्ज को कम करे।

08. भ्रष्टाचार ना करे, काले धन पर रोक लगाए और घोटालेबाजों पर सख्त कार्यवाही करे। इसके लिए चुनावी बांडों, पीएम केयर फंड और देश भर में सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों द्वारा पिछले 10 वर्षों में एकत्रित संपत्ति व धन की जांच कर कार्यवाही करे।

09. देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र की हर कीमत पर रक्षा का वचन दे। विभाजनकारी साम्प्रदायिक और जातीय दंगों को भड़काने की राजनीति को सख्ती से रोके और सत्ता कब्जाने के लिए धर्म और राजनीति का घालमेल न करे।

10. नागरिक अधिकारों एवं नागरिक स्वतंत्रता का विस्तार करे। पुलिस एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों को नागरिक सेवा का प्रशिक्षण देकर अपने नागरिकों के प्रति संवेदनशील और सत्ताधारी पार्टी के बजाय देश के संविधान व कानून के प्रति जवाबदेह बनाए।

11. महिला अधिकारों एवं स्वायत्ता के प्रति संवेदनशील हो, सभी लिंगों, पहिचानों और भावनाओं के प्रति आदर का भाव रखता हो और सभी को सम्मान व अधिकार देने की बात करे। महिलाओं के प्रति हिंसा, यौन हिंसा पर जिसका रुख स्पष्ट हो और जो उनके सम्मान के प्रति संवेदनशील व प्रतिबद्ध हो।

12. देश के संघीय ढांचे को मजबूत करे। दमित, दलित, आदिवासी, पिछड़ों और धार्मिक अल्प-संख्यकों की पहिचान के प्रति संवेदनशील हो एवं उनके अधिकारों, अस्मिता एवं स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्ध हो।

13. वंचित समुदायों के भूमि अधिकारों के उल्लंघन तथा संरक्षण कानूनों के साम्प्रदायिकीकरण पर रोक लगाए। उनके जल, जंगल, जमीन और जीविका के आधिकारों की रक्षा करे। आदिवासी क्षेत्रों मे फैली हिंसा, दमन और मानवाधिकारों के व्यापक उल्लंघन के निराकरण के लिए ठोस पहल करे।

14. सामाजिक बहिष्कार, पलायन, मानव तस्करी, जातिवाद, नशा जैसी बुराइयों और समस्याओं के   निदान के लिए सार्थक पहल करे।

15. देश में आजादी के संघर्ष के बाद से स्थापित संविधान की रक्षा करे, सभी संवैधानिक संस्थाओं की स्वत्रंत्रता की गारंटी करे, देश में परिपक्व हो रहे लोकतंत्र व लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करे।

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