रायपुर (पब्लिक फोरम)। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) छत्तीसगढ़ द्वारा जेंडर सेंसिटाइजेशन विषय पर वर्कशॉप का आयोजन 2 अक्टूबर को रायपुर में किया गया।
शुरुआत प्रख्यात महिला अधिकारों के लिए लड़ने वाली कमला भसीन को एक मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि से हुई. दिन भर चले वर्कशॉप मे लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाने के विभिन्न आयामों पर बातचीत की गई। मोहित जायसवाल एवं वासुकी प्रसाद ने उक्त संदर्भ में मोहक कविताओं का पाठ भी किया।
वर्कशॉप मे उपस्थित प्रतिनिधियों ने चार विषयों पर चर्चा की.
1.नैतिक पहरेदारी, आचरण, पहनावा व बोलचाल.
2.शादी- ब्याह की आजादी, अन्तरजातीय विवाह व अन्तरधार्मिक विवाह.
3.यौन संबंधों में सहमति की अहमियत
4.एलजीबीटीक्यू व तीसरे जेंडर के प्रति भेदभाव.
मुख्य वक्ता लक्ष्मी कृष्णन ने कहा कि प्रगतिशील होने के बाद भी हम लोग जाने-अनजाने महिला विरोधी व लैंगिक भेदभाव का आचरण करते हैं या बढ़ावा देते हैं।
उक्त बातों पर प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचार विस्तार से व्यक्त किए तथा समाज को पितृसत्तात्मक सोच से मुक्त करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की गई।
वर्कशॉप मे कहा गया कि इन लैंगिक भेदभावों के खिलाफ लड़ना होगा और इसकी सामूहिक जिम्मेदारी लेनी होगी.अन्त मे सवाल-जवाब का दौर चला।
वर्कशॉप की चर्चा में बृजेन्द्र तिवारी, बी.एल. नेताम, अजुल्का सक्सेना, अशोक मिरी, खंजन रात्रे, रामजी शर्मा, डी.के. देवांगन, नारद निषाद, श्यामलाल साहू, के.पी.सिंह, शिवकुमार प्रसाद, दीनानाथ प्रसाद, केशव साहू, सपन साहू, ए. शेखर राव, आर.पी.गजेंद्र, देवानंद चौहान आदि लोगों ने हिस्सा लिया।
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