भिलाई (पब्लिक फोरम)। आल इंडिया पीपुल्स फोरम, छत्तीसगढ़ ने गत 5 सितंबर को दक्षिणपंथी संगठनों के असामाजिक और गुंडा तत्वों के द्वारा रायपुर थाने में घुसकर पादरियों पर जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम (AIPF) के छत्तीसगढ़ संयोजक बृजेन्द्र एवं नेतृत्वकारी सदस्यों ने आज जारी बयान में इस बात पर क्षोभ व्यक्त किया कि कांग्रेस शासित राज्य होने के बावजूद राज्य में भाजपा और उसके संगठन अपने घृणित सांप्रदायिक अभियान में लगातार अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। ऐसा लगता है कि शासन – प्रशासन स्तर पर भी इस पर मूक सहमति रहती है। अगर यह नहीं होता तो राज्य में अल्पसंख्यकों विशेष रूप से ईसाइयों पर एक के बाद एक हमले नहीं हो रहे होते।
एआईपीएफ ने कहा कि, 5 सितंबर को रायपुर में पादरियों पर थाने में पुलिस की तथाकथित सुरक्षा में सांप्रदायिक तत्वों द्वारा हमला इसी कड़ी में एक और दु:खद घटना है। यह घटना तब और गंभीर हो जाती है जब जनता की सुरक्षा के लिए मौजूद थाने के अंदर पुलिस मौजूदगी में ही हमला किया जा रहा है। यह पुलिस प्रशासन और सांप्रदायिक ताकतों के बीच मूक सहमति का सजीव दु:खद उदाहरण है।
एआईपीएफ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य में इस तरह की अपराधिक घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की गारंटी करें। किसी भी सांप्रदायिक घटना की ठोस जिम्मेदारी तय हो और अविलंब दोषियों पर आपराधिक धाराओं तहत प्रभावी कार्रवाई की जाए। किसी भी सांप्रदायिक / समुदाय विशेष के प्रति आपराधिक कार्यवाही की जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की होनी चाहिए।
एआईपीएफ ने उम्मीद की है कि सरकार राज्य में ईसाई समुदाय /आदिवासियों पर हो रहे उपरोक्त कृत्यों का संज्ञान लेगी और प्रभावी कार्रवाई करेगी।
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