गुरूवार, दिसम्बर 5, 2024
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कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों के भारत बंद आंदोलन का समर्थन: सुरेंद्र प्रताप

कोरबा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कांग्रेस पार्टी किसानों के द्वारा बुलाई गई भारत बंद का समर्थन करती है। किसानों के द्वारा उठाई जा रही मांग जायज है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंबिकापुर में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान केंद्र में सरकार बनने पर किसानों को एमएसपी कानून बनाने की गारंटी दी है।
श्री जायसवाल देश भर के किसानों के लिए अनेकों प्रश्न किये हैं जिसमें मुख्य रूप से उन्होंने पूछा है कि:-
देश का अन्नदाता किसान और खेत मजदरू न्याय मांगने अब देश की राजधानी दिल्ली में नहीं आ सकते?
क्या किसान को दिल्ली की परिधि के सौ किलोमीटर में आने की अब आजादी नहीं रही है।
देश का अन्नदाता प्रधानमंत्री और देश की सरकार से न्याय न मांगे, तो कहाँ जाए?
देश में हर घंटे एक खेत मजदूर या किसान आत्महत्या का फंदा चूमने को मजबूर है। तो फिर किसान इस वादे की गारंटी क्यों न मांगे, क्योंकि आजकल सरकार हर बात की गारंटी दे रही है।

धान की फसल लगभग 50 प्रतिशत एमएसपी पर खरीदी जाती है, गेहूं-17 प्रतिशत और बाकी सब 1 प्रतिशत से कम।
मोदी सरकार ने बाजारी ताकतों के पास किसान को फेंक देंगे, तो वो आंदोलन न करे, न्याय नहीं मांगे, दिल्ली का दरवाजा नहीं खटखटाएं, तो क्या यूनाइटेड नेशन्स जाए?
लटकाओ, भटकाओ और अपना उल्लू सीधा करते जाओ, ये मोदी सरकार का तरीका बन गया है, किसान के प्रति।

18 जुलाई, 2022 को इस कमेटी की घोषणा हुई, अब हम 2024 में हैं, कमेटी की बैठकें ही नहीं हुई। सवाल कमेटी का नहीं था, उन्होंने कहा कानून बनाने के लिए या वो रास्ता खोजने के लिए हम एक कमेटी बना रहे हैं। न कमेटी की रिपोर्ट आई, न निर्णय हुआ, लोकसभा का चुनाव आ गया। लोकसभा का चुनाव निकाल लो, लटकाओ, भटकाओ और सबको बहकाकर उल्लू सीधा करो। ये नीति नहीं चलेगी।

दो साल से किसान यही पुकार तो लगा रहे हैं कि बात करिए, हल निकालिए, परंतु सरकार का काम है, लटकाना, भटकाना और किसान को न्याय से झटकाना, ये अब मंजूर नहीं है।
मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री के समय एमएसपी के बहुत बड़े वकील बनकर सामने आए थे।
एमएसपी, इनपुट कॉस्ट $ 50 परसेंट के वादे करके आपके सामने ये आए, प्रधानमंत्री बने और उसके बाद क्या हुआ।
मोदी किसानो से ना केवल वादा तोड़ रहे है, वादा तोड़ने के साथ-साथ किसानों के रास्ते पर कील बिछाना, किसानों को खालिस्तानी बोलना, उपद्रवी बोलना, सोरोस का एजेंट बोलना, एक के बाद किसानों को गाली दिलवा रहे है।

19 नवंबर, 2021 को आप सबके सामने हाथ जोड़ते हुए पहली बार प्रधानमंत्री, माफी मांगते हुए दिखे और कहा कि मैं ये तीनों काले कानून वापस लेता हूंँ। एक डायलॉग भी दिया था कि मेरी तपस्या में कमी रह गई होगी। तब कहा था कि एमएसपी की समस्या का समाधान निकालने के लिए एक कमेटी बनेगी। क्या हुआ दो साल से ऊपर हो गए?

हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि 2014 में जो प्रचार करते हुए भाषण के वक्त आपने झूठ बोला था उसके लिए माफी मांगे, सुप्रीम कोर्ट में सरकार बनने के बाद जो हलफनामा दायर करके आप पलट गए थे, उसके लिए माफी मांगे।
आरटीआई में जब पूछा गया इनसे एमएसपी के विषय में, तब कहा था कि नहीं मार्केट डिस्टर्ब हो जाएगा दूसरी बार तब पलटे थे, उसके लिए माफी मांगे।
किसानों को आतंकवादी बताना, विदेशी एजेंट बताना, उसके लिए माफी मांगे।
एमएसपी की मांग कांग्रेस पूरी करेगी। उसकी घोषणा कर चुके हैं। ये हमारी गारंटी है सरकार बनते ही इस देश के 15 करोड़ किसान परिवारों को, यानी कि 62 करोड़ किसानों को हम एमएसपी दिलवाएंगे और राहत देंगे।
एमएसपी कानून बनने से किसान को उसकी फसल का दाम मिलेगा, उसका शोषण नहीं होगा।

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