O बिल्कीस बानो के अथक संघर्ष को सलाम
O भाजपा सरकार को बलात्कारियों का बचाव करने से बाज आना चाहिए
नई दिल्ली (पब्लिक फोरम)। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने बिल्कीस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न्याय की जीत है और बिल्कीस बानो के अथक संघर्ष का फल है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद भाजपा सरकार को ऐसे बलात्कारियों का समर्थन करने से बाज आना चाहिए।
यह जानना जरूरी है कि 2002 में गुजरात में गर्भवती बिल्कीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी आँखों के सामने उसके परिवार के 14 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में लम्बे संघर्ष के बाद महाराष्ट्र हाईकोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन अपराधियों को 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया था। इन अपराधियों को अब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से जेल भेजने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है कि गुजरात सरकार को अपराधियों की रिहाई पर फैसला लेने का अधिकार नहीं था क्योंकि सजा महाराष्ट्र की अदालत ने दी थी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला गुजरात की भाजपा सरकार के साथ-साथ केन्द्र की मोदी सरकार पर भी एक टिप्पणी है। बहस के दौरान गुजरात सरकार ने कोर्ट को बताया था कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय की सहमति से ही यह फैसला लिया गया था। इस मुद्दे पर ऐपवा के साथ-साथ अन्य महिला संगठनों ने लगातार आवाज उठाई थी। ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने बिल्कीस बानो को बधाई देते हुए उनके जज्बे को सलाम किया है। उन्होंने इंदिरा जयसिंह, वृंदा ग्रोवर और अन्य महिला वकीलों को भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने बिल्कीस का पक्ष कोर्ट के सामने दृढ़ता से रखा।
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