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मंगलवार, दिसम्बर 2, 2025
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82 दिनों के लगातार आंदोलन के बावजूद भूविस्थापितों के रोजगार के लिए कोई समाधान नहीं निकाल सका प्रबंधन

नाराज भूविस्थापितों के द्वारा आचार संहिता खत्म होते ही आर्थिक नाकेबंदी करने की घोषणा

कोरबा/दीपका (पब्लिक फोरम)। साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड एसईसीएल दीपका क्षेत्र के भूविस्थापितों ने रोजगार के मामले को लेकर 11 सितंबर 2023 को दीपका प्रबंधन के दफ्तर के सामने शांतिपूर्वक पंडाल लगाकर अनिश्चितकालीन लगातार धरना आंदोलन कर रहे हैं। रोजगार को लेकर 82 दिनों से जारी लगातार आंदोलन को एसईसीएल दीपका प्रबंधन गंभीर नहीं है। नाराज भूविस्थापित व आंदोलनकारियों ने घोषणा किया है कि आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही पूरे परिवार के साथ एसईसीएल दीपका के कोयला खदान को पूर्ण रूप से आर्थिक नाकेबंदी आंदोलन कर बाधित करने का निर्णय लिये हैं।

गौरवतलब है कि एसईसीएल दीपका प्रोजेक्ट के लिए सन 1986 में सिरकी चैनपुर सुवाभोड़ी मलगांव झिंगटपुर बेलटिकरी झाबर रतिजा रेंकी दीपका इन ग्रामों के लगभग 1701 हेक्टेयर (4167 एकड़) भूस्वामियों का भूमि अधिग्रहण किया गया था इसमें रोजगार का मामला लगभग 1645 भूस्वामियों का नौकरी का आवंटित प्रबंधन के द्वारा किया गया था जिसमें एसईसीएल दीपका परियोजना के द्वारा 1435 भूस्वामियों को रोजगार दिया गया शेष 175 रोजगार किन्हीं कारणवश एसईसीएल में शेष बचा हुआ है जिला प्रशासन के द्वारा सत्यापन करने के उपरांत 41 लोगों को रोजगार के लिए पात्र माना गया है इसमें 35 भू स्वामी रोजगार के एवज में मुआवजा लिया गया है लंबित पात्र 41 भू स्वामियों के आश्रितों को रोजगार के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने नामांकन भरवाया लेकिन आज वर्तमान तक रोजगार से प्रबंधन के द्वारा कोई न कोई कारण लगाकर रोजगार को रोक के रखा हुआ है जिसके कारण भूविस्थापित ग्रामीणों को अपने परिवार की रोजी-रोटी व भविष्य के लिए दर-दर की ठोकरो का सामना करना पड़ रहा है भूविस्थापित ग्रामीण लगातार अपने रोजगार के लिए एसईसीएल प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलकर आंदोलन व संघर्ष कर रहे है।

आंदोलनकारी भागीरथ यादव प्रकाश कोर्राम जारी प्रेस बयान में बताया कि रोजगार के संबंध को लेकर अनेकों बार पत्र व्यवहार शासन प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन को किया जा चुका है इसके साथ पूर्व में तीन दिनों का आमरण अनशन भी मलगांव फेस पर किया गया था उन्होंने आगे कहां कि दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में अधिग्रहित ग्रामों में रोजगार के लिए लागू नियमों का पालन कर सभी को रोजगार प्रदान किया जाए अर्जन के बाद जन्म लेने आश्रितों को भी रोजगार दिया जाए पूर्व लागू 1988 के नियम में अर्जन के बाद जन्म लेने वाले आश्रितों के रोजगार नहीं देने कोई उल्लेख नहीं है पुराने प्रकरणों पर तत्काल कार्यवाही करने की मांग किया गया है।
आंदोलनकारी भागीरथ यादव प्रकाश कोर्राम सागर जायसवाल रामाधार यादव संदीप कंवर नंदकुमार यादव हेमंत हिरड़ा केशी कंवर केशव चंद्र कंवर परमेश्वर बालेश्वर अनूप कंवर रविंद्र जगत राम कुमार आकाश कुमार गणेश सिंह ऊईके बसंत कंवर ललित महिलाएंगे संतोष चौहान रुद्र दास महंत बेहतरीन बाई बुधवार बाई सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।

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