मजदूर वर्ग को एक राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने की जरूरत
कोरबा (पब्लिक फोरम)। आगामी विधानसभा के चुनाव में भाजपा जैसी सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करना मजदूरों के लिए प्रमुख जिम्मेदारी है। उक्त बातें राजमिस्त्री मजदूर रेजा कुली एकता यूनियन के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष सुखरंजन नंदी यूनियन के कोरबा इकाई की बैठक को संबोधित करते हुए कहा है।
उन्होंने कहा की भाजपा हमारे देश के लोकतंतांतिक अधिकारों पर हमला कर रहा है। देश की धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतो को नस्तनाबुद करने पर आमादा है। ऐसी परिस्थिति में देश की लोकतांत्रिक परंपरा और धर्मनिरपेक्ष की वसूलों की रक्षा करने मजदूर वर्ग को ही आगे आना होगा।
श्री नंदी ने कहा कि देश आज एक गंभीर आर्थिक संकट में फसा हुआ है और देश के शासक वर्ग इस आर्थिक संकट से मुक्ति के लिए जनता के सभी अधिकारों को कुचलकर एक तानाशाही राज कायम करना चाहती है और यह तानाशाही राज भाजपा जैसे एक घोर सांप्रदायिक पार्टी ही कायम कर सकती है।इसलिए शासक वर्ग भाजपा को ही सत्ता में रखने के लिए उन्हें पूरी तरह से सहयोग कर रही है।
मजदूर नेता ने कहा कि भाजपा की सरकार श्रम कानूनों को समाप्त कर श्रमिकों के कानूनी अधिकारों को छीन लेने का प्रयास कर रही है। मजदूरों के भारी विरोध के कारण मोदी सरकार उसे अभी तक लागू नहीं कर पाई है। इस संकट के दौर में मजदूरों के सामने भाजपा को सत्ता से बाहर रखना सबसे प्रमुख दायित्व है।

कोरबा विधानसभा में उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी सुनील सिंह एवं कटघोरा विधानसभा में माकपा उम्मीदवार जवाहरसिंह कंवर को समर्थन देने की बात कही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जिला में जिन विधानसभा क्षेत्र से मजदूर वर्ग की पार्टी अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगी संगठन मजदूर वर्ग के पार्टी के प्रत्याशी को ही अपना समर्थन करेगी। क्योंकि मजदूर वर्ग को एक वैकल्पिक राजनैतिक शक्ति के रूप में उभारना भी आवश्यक है। मजदूर वर्ग किसी बुर्जुआ पार्टी के पिछलाग्गू बन कर नहीं रह सकता है। जिन विधानसभा क्षेत्र से मजदूर वर्ग के पार्टी के प्रत्याशी नही होंगे उन विधानसभा क्षेत्र से संगठन उस पार्टी को समर्थन करेगी जो भाजपा को परास्त कर सके।
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