कोरबा/नरईबोध (पब्लिक फोरम)। जिले के ग्राम नरईबोध में भूविस्थापित बलिदानी दिवस का आयोजन किया गया। कोरबा जिले सहित रायगढ़, सरगुजा, सुरजपुर, मनेन्द्रगढ़, कोरिया आदि जिले में भी भूविस्थापित किसान एकजुटता दिवस का आयोजन किया गया। नरईबोध में रक्तदान शिविर, नेत्र, स्वास्थ परीक्षण और दवाई वितरण, आयुष्मान कार्ड, मजदूर कार्ड का पंजीयन जैसी जन कल्याणकारी सुविधा हेतु शिविर का अयोजन किया गया ।
सन 1997 के 11 अगस्त की कोरबा जिला के नरईबोध गांव में भू विस्थापितों की जायज मांगों लेकर संघर्ष करते हुए पुलिस की गोलीबारी से गोपालदास व फिरतुदास शहीद हो गए थे और दर्जनों ग्रामीण घायल हुए थे।
तब से लेकर अब तक इस दिन को कोरबा के भू विस्थापित ग्रामीण किसान लोग शहीदी दिवस के रूप में पालन करते आ रहे है। इस वर्ष शहादत के 26 वी बरसी के मौके पर कोरबा के भूविस्थापित किसानो ने इस दिन को पूरे प्रदेश में भूविस्थापित एकजुटता दिवस के रूप में पालन करने का आह्वान किया था।

नरईबोध में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में नराई बोध गोली कांड में शहीद स्वर्गीय गोपाल दास, फिरतु दास की छायाचित्र में पुष्पांजलि दी गयी और मौन श्रद्धांजलि दिया गया। उसके पश्चात विस्थापन और भूविस्थापित समस्याओं पर विचार-गोष्ठी में लोंगो ने अपना विचार प्रगट किया। सभा के अंत मे सामूहिक शपथ लेते हुए प्रण लिया गया कि जल, जंगल, जमीन, कार्पोरेट लूट, के खिलाफ, रोजगार, बसाहट और मुआवजा से जुड़ी हुई मांगो को लेकर आंदोलन को और व्यापकता के साथ तेज किया जाएगा। प्रदेश भर के विस्थापन, भूअर्जन मामले से पीड़ित और संघर्षरत संगठनों के साथ साझा संघर्ष विकसित करने के लिए आगे आने का निर्णय लिया गया।
स्वास्थ्य और सामाजिक सुविधा के मद्देनजर नेत्र परीक्षण, स्वास्थ परीक्षण, औषधि वितरण, आयुष्मान कार्ड तथा मजदूर कार्ड की पंजीयन कराने के लिए कैम्प लगाई गयी थी। जिसमे 51 लोंगो ने रक्तदान किया। और 517 लोंगो की स्वास्थ परीक्षण कर दवाई वितरित की गई। इसी तरह से सैकड़ो लोंग आयुष्मान कार्ड और मजदूर कार्ड से लाभन्वित हुई। धरम ब्लड बैंक चाम्पा द्वारा सिकलिंग, हिमोग्लोबिन, सुगर, बीपी, वजन, एचआईवी की जांच भी किया गया। जिसमें नेत्र विशेषज्ञ डॉ.ईराम लाल, मेडिकल विशेषज्ञ, डॉ अनुज मोहन, आक्टोमेट्री तकनीशियन कार्तिक राम श्रीवास सहित नेहरू शताब्दी हॉस्पिटल गेवरा के मेडिकल स्टाफ, श्रम विभाग के रामरतन सिंह कंवर निरीक्षक, वीरेंद्र राठौर, श्रम कल्याण निरीक्षक, नीलेश राठौर, दिनेश कंवर, आयुष्मान कार्ड के लिए पूनम कुमार साहू ने अपनी सेवाएं दी।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित संगठन की ओर से इस सबन्ध में जानकारी देते हुये बताया गया कि आज विभिन्न परिजोजनायों के विस्तार के कारण किसानो का भूमि अर्जन किया जा रहा है। प्रदेश में खास तौर पर SECL कोयला कंपनी से अधिकतर किसानो का भूमि अधिग्रहण किया गया है। भू अर्जन से प्रभावित किसान आज भी उचित मुआवजा, पुनर्वास, रोजगार की सुविधाओं से वंचित हैं।अपने अधिकार के लिए वे आज भी संघर्षरत हैं और शासन प्रशासन प्रबंधन उनकी मांगों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते।जिसके कारण हम जो देश के विकास में अपनी योगदान देने के बाद भी दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हो जाते हैं।
SECL से प्रभावित किसान आज कोरबा, रायगढ़, भटगांव, बिश्रामपुर, कोरिया जिला के किसान अपने हक और अधिकार पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारे दुश्मन एकजुट हैं लेकिन हम अपने अपने इलाको में अलग-अलग हैं लेकिन हम SECL से सभी प्रभावित कंपनी स्तर पर एकजुट नही है और इसलिए प्रदेश के विभिन्न आद्योगिक संस्थानों में अपने अधिकार के लिए संघर्षरत संगठनों से संपर्क कर प्रदेश स्तरीय जनांदोलन विकसित करने का आव्हान किया गया है, जिसे आने वाले दिनों में विकसित किया जाएगा।

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